संघर्षग्रस्त अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका अहम – अफ़गानिस्तान के ‘सीईओ’ अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह

नई दिल्ली – संघर्षग्रस्त अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए भारत की भूमिका बड़ी अहम साबित होगी, यह विश्‍वास भारत पहुँचे अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने व्यक्त किया। कतार में जारी अफ़गानिस्तान-तालिबान शांतिवार्ता में अफ़गानिस्तान का नेतृत्व अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह कर रहे हैं। लेकिन, २२-२३ दिनों से जारी इस बातचीत में किसी भी प्रकार की प्रगति नहीं हुई है। साथ ही शांतिवार्ता शुरू होने के साथ ही अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमलों की मात्रा बढ़ी है। इस पृष्ठभूमि पर भारत इस शांतिवार्ता में अहम भूमिका निभाएगा, यह अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने जताया विश्‍वास अहम साबित होता हैं।

संघर्षग्रस्त अफ़गानिस्तान

मंगलवार दोपहर को अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह नई दिल्ली पहुँचे। इससे पहले उन्होंने भारत अफ़गानिस्तान का रणनीतिक साझेदार होने का बयान करके माहौल निर्माण किया। चार दिनों की इस भारत यात्रा के दौरान अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेशमंत्री एस.जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से भेंट करके अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता पर बातचीत करेंगे।

कुछ दिन पहले ही अमरीका ने अफ़गानिस्तान मसले के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत ज़ल्मे खलिलज़ाद ने भारत की यात्रा की थी। उस दौरान उन्होंने अफ़गानिस्तान और तालिबान की शांतिवार्ता में भारत की भूमिका काफी अहम साबित होगी, यह बयान किया था। इसके बाद अफ़गानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्राध्यक्ष मार्शल अब्दुल रशिद दोस्तम ने नई दिल्ली में विदेशमंत्री जयशंकर से भेंट की थी। इस दौरान उन्होंने अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता पर बातचीत की थी। यानी की मौजूदा स्थिति में अफ़गान-तालिबान चर्चा में भारत ही हल निकाल सकता है, यह अफ़गानिस्तान का विश्‍वास है। इसी कारण बड़ी उम्मीद के साथ अब्दुल्लाह अब्दुल्ला भारत पहुँचे हैं। इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान की भी यात्रा की थी।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी कतार में उपस्थित हैं और उन्होंने ज़ल्मे खलिलज़ाद और अफ़गानिस्तान में नियुक्त अमरिकी कमांडर स्कॉट मिलर से भेंट की है। इस दौरान अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता पर बातचीत होने का समाचार है। अमरीका का अफ़गानिस्तान को यकीनन समर्थन है। लेकिन अफ़गानिस्तान को शांति का अवसर खोने नहीं देना चाहिए, यह बयान खलिलज़ाद ने इस दौरान किया। साथ ही अफ़गानिस्तान में हिंसा काफ़ी हद तक बढ़ रही है। बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं। इसी कारण हिंसा कम करके युद्धविराम करने पर हम जोरदार कोशिश कर रहे हैं, यह बयान खलिलज़ाद ने राष्ट्राध्यक्ष गनी के सामने किया है।

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