नेपाल से आतंकी हरकतें करनेवाले अन्य देशों के नागरिकों की जांच करना भारत को हुआ मुमकिन

नई दिल्ली – नेपाल की जमीन का इस्तेमाल करके भारत के विरोध में हरकतें कर रहे अन्य देशों के संदिग्ध आतंकियों की जांच करने के लिए नेपाल ने भारतीय यंत्रणा की सहायता करने का निर्णय किया है| कुछ दिन पहले भारत के सशस्त्र सीमा दल (एसएसबी) और नेपाल की ‘एपीएफ’ की बैठक हुई थी| इस दौरान दोनों देशों ने यह निर्णय करने की जानकारी साझा की जा रही है| पहली बार नेपाल ने अपनी जमीन पर आतंकी हरकतें कर रहे अन्य देशों के संदिग्ध दहशतगर्द एवं तस्करों की जांच करने की अनुमति भारतीय यंत्रणाओं को प्रदान की है| पाकिस्तानी आतंकी एवं पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त आतंकी संगठन नेपाल का इस्तेमाल करने की बात कई मामलों से स्पष्ट हुई है| इस पृष्ठभूमि पर यह निर्णय होना भारत की राजनयिक जीत समझी जा रही है|

भारत और नेपाल के बीच १,७५१ किलोमीटर की सीमा है और दोनों देशों में पासपोर्ट और व्हिसा के बिना एकदुसरे के देश में आनेजाने का अवसर अपने देशवासियों को दने के लिए समझौता हुआ है| पर, यह सुविधा सीर्फ नेपाल और भारतीय नागरिकों के लिए प्रदान की गई है और आतंकी एवं तस्करों के गिरोह भी इस सुविधा का गलत लाभ उठा रहे है| पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त करनेवाली आतंकी संगठन एवं गिरोह भी इस सुविधा का लाभ उठाने की बात समय समय पर स्पष्ट हुई है|

‘हिजबुल्ल मुजाहिद्दीन’, ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ के कई आतंकियों की भारत को तलाश है और इनमें से कई आतंकी नेपाल में पकडे गए है| साथ ही नेपाल में स्थित अपने दूतावास का भी पाकिस्तान गलत इस्तेमाल कर रहा है| पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ ने नेपाल में अपना जाल बिछाने की खबरे पहले भी प्राप्त हुई थी| लश्कर ए तोयबा, जैश ए मोहम्मद जैसी आतंकी संगठन नेपाल में भारत के विरोध में सक्रिय होने की बात भी स्पष्ट हुई है|

इस वर्ष नेपाल से अवैध मार्ग से भारत पहुंचे अन्य देशों के ५९ नागरिकों को पकडा गया है| इनमें पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है| यह नागरिक आतंकी संगठन से जुडे थे क्या, यह बात अभी स्पष्ट नही की गई है| पर, आतंकवादी, अवैध घुसपैठी, नशिलें पदार्थ, सोना और जाली नोटों की तस्करी की बडी चुनौती

भारत और नेपाल सीमा पर खडी हुई है| पिछले वर्ष दाउद के गिरोह का एक हस्तक भारत में जाली नोटों की तस्करी करते पकडा गया था|

इस पृष्ठभूमि पर पिछले महीने में हुई बैठक में संदिग्ध आतंकी, तस्कर एवं अपराधिक व्यक्तियों की जांच करने के लिए भारतीय यंत्रणाओं को नेपाल ने दी हुई मंजुरी काफी अहमियत रखती है| यह निर्णय दोनों देशों में सुरक्षा सहयोग अधिक मजबूत करने के नजरिए से काफी अहम साबित होगा|

इस वजह से नेपाल से भारत के विरोध में हरकतें कर रहे लोगों को पकडना भी भारतीय यंत्रणाओं को मुमकिन होगा| साथ ही भारत-नेपाल की सीमा सुरक्षा दलों के समन्वय से गोपनीय जानकारी प्राप्त करना भी मुमकिन होगा| अब दोनों देशों के सीमा सुरक्षा दलों की अगली बैठक अगले वर्ष में होगी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.