आतंकवाद के विरोध में फ्रान्स को भारत का पूरा समर्थन – भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

पैरिस – आतंकी हमले किसी भी गुट से संबंधित ना होनेवाले लोन वुल्फ या भटके हुए लोग करते हैं, इस पर भारत और फ्रान्स जैसे देश विश्‍वास नहीं कर सकते। इंटरनेट के माध्यम से हो रहा जानकारी का फैलाव एवं अन्य बातों का समावेश होनेवाले कट्टरतावाद की शक्ति इन आतंकी हमलों के पीछे होते है। कुछ देश एवं संगठीत यंत्रणा भी ऐसी ताकतों के पीछे होते हैं। भारत और फ्रान्स ने ऐसी ताकतों के विरोध में एकजुट होकर निर्णायक प्रत्युत्तर देना होगा और इसके लिए देरी करना उचित नहीं होगा, इन शब्दों में भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आतंकवाद के विरोध में भारत का फ्रान्स को पूरा समर्थन होने का भरोसा दिया। विदेश सचिव श्रृंगला फिलहाल यूरोप की यात्रा कर रहे हैं और फ्रान्स के बाद जर्मनी और ब्रिटेन पहुँचेंगे। फ्रान्स की यात्रा के दौरान उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे के साथ-साथ भारत और फ्रान्स के बीच धारणात्मक स्तर पर बने सहयोग के मुद्दे पर भी चर्चा की।

हर्षवर्धन श्रृंगला

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला गुरूवार को फ्रान्स पहुँचे। इसके बाद उन्होंने फ्रान्स के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकरी ऐलिस गटन और फ्रैंकोइस देलात्रे, फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के सलाहकार ईमैन्युएल बॉन से मुलाकात की। बॉन के साथ हुई चर्चा में उन्होंने फ्रान्स में हुए आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया और भारतीय प्रधानमंत्री का संदेश भी दिया। आतंकवाद के विरोध में जारी संघर्ष में भारत हमेशा फ्रान्स के साथ है, ऐसा स्पष्ट भरोसा विदेश सचिव श्रृंगला ने इस दौरान दिया। तभी गटन के साथ हुई बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोग और धारणात्मक भागीदारी के मुद्दे पर चर्चा होने की जानकारी फ्रान्स में स्थित भारतीय दूतावास ने जारी की।

हर्षवर्धन श्रृंगला

इसके बाद श्रृंगला ने फ्रान्स के ‘आयएफआरआय’ नामक अभ्यासगुट ने आयोजित किए चर्चासत्र में भी आतंकवाद का मुद्दा दुबारा उपस्थित किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को भी निशाना किया। फ्रान्स में हुए आतंकी हमले काफी भयानक घटना है। इनमें से एक हमले की जड़ें हमेशा की तरह हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में हैं। बेलगाम कट्टरतावाद और इससे तैयार हुई हिंसक शक्ति किसी भी स्तर तक जाकर विध्वंस कर सकती है, यह बात भारत बीते कई दशकों से अनुभव कर रहा है। जनतांत्रिक मूल्यों के लिए इस खतरे का ड़टकर मुकाबला करना होगा और इसके लिए सुसंस्कृत समाज को एकसाथ कदम उठाने की आवश्‍यकता है, यह बयान भारतीय विदेश सचिव ने इस दौरान किया।

बीते कुछ दिनों में फ्रान्स में दो आतंकी हमले हुए हैं और इन हमलों में चार लोग मारे गए हैं। इन आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के साथ फ्रान्स सरकार ने कट्टरतावाद के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है। फ्रान्स की इस भूमिका का भारत ने पुख्ता समर्थन किया है। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर जारी किए अधिकृत निवेदन में भी हमलों की कड़े शब्दों में निषेध व्यक्त करके सहयोग करने का वादा भी किया था। भारतीय नागरिकों ने भी ‘आय स्टैण्ड विथ फ्रान्स’ जैसे ‘हैशटैग’ के माध्यम से फ्रान्स को समर्थन प्रदान किया था।

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