भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ६०० अरब डॉलर्स पर

मुंबई – वर्ष १९९१ में देश का विदेशी मुद्रा भंड़ार ६ अरब डॉलर्स से भी कम होने से, भारत को अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था। इसके करीबन ३० वर्ष बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ६०० अरब डॉलर्स के रिकार्ड़ स्तर पर जा पहुँचा है। बीते सात वर्षों के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार बढ़कर दोगुना हुआ है और देश में मज़बूती से हुए इस विदेशी मुद्रा के भंड़ारण का भारत को अगले दिनों में लाभ होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था पर निवेशकों का विश्‍वास अधिक बढ़ेगा, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।शुक्रवार के दिन रिज़र्व्ह बैंक के गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने, देश का विदेश मुद्रा भंड़ार ६०० अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा होने का अनुमान व्यक्त किया। रिज़र्व्ह बैंक ने इससे संबंधित आँकड़े २८ मई के दिन जारी किए थे और २८ मई के दिन खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंड़ार ५९८.२ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा था और अब शुक्रवार के दिन खत्म हुए सप्ताह में यही मुद्रा भंड़ार अब ६०० अरब डॉलर्स से भी अधिक हुआ है, यह अनुमान ‘आरबीआय’ ने व्यक्त किया। इसका ब्यौरा बाद में घोषित किया जाएगा।

India-foreign-exchange-reserves-394x217इससे पहले २१ मई के दिन खत्म हुए सप्ताह में देश के विदेश मुद्रा भंड़ार में ५९२.९ अरब डॉलर्स जमा थे। इसके अनुसार २१ मई से २८ मई के दौरान देश के विदेश मुद्रा भंड़ार में ५.३ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। भारत ६०० अरब डॉलर्स से भी अधिक विदेशी मुद्रा भंड़ार रखनेवाला पांचवा देश बना है। फिलहाल मात्र चीन, जापान, स्वित्ज़र्लैंड़ और रशिया का विदेश मुद्रा भंड़ार ६०० अरब डॉलर्स से अधिक है।

बीते सात वर्षों के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार बढ़कर दोगुने से भी अधिक हुआ है। मई २०१४ में देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में ३१२.३८ अरब डॉलर्स जमा थे। बीते दो वर्षों में देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में १७९अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई हैं। मई २०१९ के अन्त में भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ४२१.८६ अरब डॉलर्स हुआ था।

कोरोना के संकट काल में भी भारत के विदेशी मुद्रा भंड़ार में लगातार बढ़ोतरी होती रही हैं। बीते वर्ष के मार्च महीने में कोरोना की पृष्ठभूमि पर, पहली बार देश में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। इसके बाद आर्थिक कारोबार पर काफी असर हुआ था। बीते वर्ष के मार्च महीने के अन्त तक भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ४७५.५६ अरब डॉलर्स था। इस पृष्ठभूमि पर, बीते वर्ष के अप्रैल से इस वर्ष के मार्च तक भारतीय विदेशी मुद्रा भंड़ार में १२५ अरब डॉलर्स बढ़ोतरी हुई है।

विदेशी मुद्रा भंड़ार रेकार्ड़ स्तर पर जा पहुँचने का भारत को बड़ा लाभ होगा। इस वजह से भारतीय मुद्रा का मूल्य स्थिर रहने के लिए सहायता होगी। साथ ही, इस वजह से भारत में निवेश करने की मंशा रखनेवालों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा। इससे भारत में विदेशी निवेश को अधिक प्रोत्साहन प्राप्त होगा।

भारत को १९९१ में अपनी अर्थ व्यवस्था को संभालने के लिए ४७ टन सोना गिरवी रखना पड़ा था। आज भारत के भंड़ार में एक वर्ष से भी अधिक समय तक आयात जारी रखने के लिए आवश्‍यक विदेशी मुद्रा का भंड़ार है। इस वजह से भारतीय बाज़ार की अस्थिरता भी कम होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.