अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के साथ ही वर्ष २०२१ में भारत में सोने की माँग बढ़ेगी – ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ का दावा

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी की वजह से वर्ष २०२० में सोने की खरीद कम हुई थी। लेकिन, इस वर्ष से अर्थव्यवस्था पटरी पर आना शुरू होने के साथ ही सोने की खरीद में बढ़ोतरी होगी, यह विश्‍वास ‘वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल’ के भारत में नियुक्त मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदर पी.आर. ने व्यक्त किया है। सोने के दर में बड़ी बढ़ोतरी हुई है फिर भी सोने की खरीद होगी और सोने की माँग बढ़ेगी, यह दावा सोमसुंदर ने किया है।

कोरोना की महामारी के कारण वर्ष २०२० में सोने की माँग में बड़ी बढ़ोतरी हुई थी। फिर भी धनतेरस के अवसर पर देश में सोने की काफी ज्यादा मात्रा में खरीद हुई थी। यह मात्रा पहले के वर्ष की तुलना में कम थी, फिर भी वर्ष २०२० के अप्रैल-जून महीने में देखी गई सोने की माँग की तुलना में काफी अधिक थी, यह दिखानेवाली रपट जारी हुई है। ‘गोल्ड आउटलुक २०२१-इकॉनॉमिक रिकवरी ऐण्ड लो इंटरेस्ट रेट्स सेट द टोन’ नामक इस रपट में इस वर्ष सोने की खरीद बढ़ेगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया गया है।

‘सोने की खरेदी में हुई २० प्रतिशत बढ़ोतरी अब ग्राहकों ने स्वीकारी है। साथ ही शेअर बाज़ार का रुख बाज़ार में उपलब्ध नगद तय करनेवाला है और इस वजह से उसमें निवेश करने की जोखीम बढ़ी है। कम ब्याजदर और कोरोना का संकट खत्म हो रहा है और इस वजह से पटरी पर आ रहा जनजीवन एवं पारिवारीक कार्यक्रमों के कारण वर्ष २०२१ में सोने की माँग बढ़ती रहेगी’, यह दावा सोमसुंदर ने किया है। सोने के जेवरातों का बाज़ार ग्राहकों के सामने अधिक कल्पक विकल्प रखकर सोने के बढ़ते दामों का मुकाबला करेगा, यह विश्‍वास भी सोमसुंदर ने व्यक्त किया।

इसके साथ ही सोने में हो रहा निवेश अनिश्‍चितता के दौर में सबसे अच्छा और शाश्‍वत मुनाफा देनेवाला साबित होने से, अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के बाद निवेशक यकीनन सोने की ओर अपना रुख करेंगे, ऐसा बयान सोमसुंदर ने किया है।

इसी बीच कोरोना की महामारी का असर सोने के खनन पर भी हुआ था। वर्ष २०२० में इस मोर्चे पर बनी अनिश्‍चितता का असर सोने की माँग और आपूर्ति पर भी हुआ था। लेकिन, वर्ष २०२१ में सोने की आपूर्ति के मोर्चे पर बनी अनिश्‍चितता बरकरार रहने की संभावना नहीं है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर उठने की संभावना बढ़ने के बाद भी सोने की आपूर्ति करेनवाली चेन पर विशेष असर नहीं होगा, यह अनुमान सोमसुंदर ने व्यक्त किया है।

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