भारतीय जहाज़ पाँच महीनों से चीन के बंदरगाह में फँसा – २३ नाविकों की रिहाई के लिए कंपनी की भारत सरकार को गुहार

नई दिल्ली – पिछले पाँच महीनों से भारतीय मर्चंट नेवी का ‘जग आनंद’ नामक जहाज़ चीन ने अपने ‘जिंगटैंक’ बंदरगाह में रोक रखा है। इस जहाज़ पर २३ भारतीय कर्मी उपस्थित हैं और इनमें से ज्यादातर लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने का वृत्त है। जून में लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दो दिन पहले यह जहाज़ ऑस्ट्रेलिया से १.७० लाख टन कोयला लेकर चीन के बंदरगाह में दाखिल हुआ था। लेकिन गलवान में हुए संघर्ष के बाद चीनी अधिकारियों ने यह कोयला उतारने के लिए अनुमति देना टालना शुरू किया है और वे भारतीय मर्चंट नेव्ही के कर्मियों को मानसिक पीड़ा दे रहे हैं, यह जानकारी सामने आयी है। इन कर्मियों की रिहाई के लिए कंपनी ने भारत सरकार को गुहार लगाई है।

indian-merchant-navy-shipभारत और चीन के बीच बढ़े तनाव की वजह से, २३ भारतीय नाविकों के साथ चीन के बंदरगाह में पहुँचा मर्चंट नेव्ही का ‘जग आनंद’ जहाज़ जून महीने से वहीं पर फँसा हुआ है। मुंबई स्थित ‘ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग लिमिटेड’ का यह जहाज़ १३ जून के रोज़ ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर चीन के जिंगटैंक बंदरगाह में दाखिल हुआ था। इसी बीच लद्दाख में चीन ने की हुई घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। वहीं, १५ जून की रात को गलवान में तैनात चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर विश्‍वासघात करके हमला किया था। इस दौरान हुए संघर्ष में भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे और चीन ४० सैनिक मारे गए थे। इसके बाद चीनी अधिकारी लगातार ‘जग आनंद’ जहाज़ से कोयला उतारने की अनुमति देना टाल रहे हैं, यह जानकारी सामने आयी है।

‘जग आनंद’ जहाज़ पर खाने-पिने की सामग्री, दवाईयाँ और अन्य सामग्री ख़त्म होने की कगार पर है और बीते पाँच महीनों से चीन की अनुमति ना होने से फँसे पड़े इस जहाज़ पर मौजूद नाविकों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा है। चीन के अफ़सरों से लगातार इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। लेकिन, अभी किसी भी तरह का हल निकल नहीं सका है, ऐसा बयान ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग लिमिटेड के अफ़सरों ने किया है। इस जहाज़ पर मौजूद नाविकों को घर लौटना है और इस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसी शिकायत ये नाविक कर रहे हैं। ऐसें में इन नाविकों के परिवार और कंपनी ने इस मसले में सहायता करने के लिए भारत सरकार को गुहार लगाई है।

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