जम्मू के लष्करी तल पर हुए हमले मे ५ जवान शहीद – तीन आतंकी ढेर

जम्मू: ३० घंटों के बाद भी जम्मू कश्मीर में सुन्ज्वान में लष्कर तल पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है। इस हमले में अबतक लष्कर के ५ जवान शहीद हुए हैं और दो नागरिकों की जान गई है। तीन हमलावर आतंकवादी हमले में ढेर हुए हैं और एक से दो आतंकवादी वहां छुप कर बैठे हो सकते हैं, ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा है। जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने यह हमला किया है, ऐसी जानकारी गुप्तचर संस्था ने दी है।

शनिवार के सुबह साढ़े ४ के लगभग जम्मू कश्मीर में सुन्ज्वन के लष्कर तल पर हमला हुआ था। तल पर जवानों के परिवार की निवास व्यवस्था होनेवाले इस इमारत को आतंकवादियों को लक्ष्य किया था। यह हमलावर आतंकवादियों में से दो शनिवार के मुठभेड़ में ही मारे गए थे। तथा रविवार सुबह और एक आतंकवादी मारा गया था। इन आतंकवादियों के पास प्राप्त शस्त्रास्त्र, नक्शे और अन्य साहित्य से यह सीमा पार से आए हैं और उन्हें मदद मिलने की बात उजागर हुई है।

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जम्मू कश्मीर पुलिस ने हमलावर पाकिस्तानी होने का दावा किया है तथा आतंकवादी तल के पिछली तरफ से दाखिल हुए थे। इस भाग में पक्की सुरक्षा दीवार न होकर वहां बाढ़ भी उपस्थित नहीं है। इसकी वजह से इस हमले से पहले आतंकवादियों द्वारा यहां का ब्यौरा होने के बाद ही हमले का षड्यंत्र रचने की बात को स्पष्ट हो रही है।

आतंकवादियों ने सुन्जवान तल पर हमला करके स्टाफ क्वार्टर के इमारत में प्रवेश किया था। उस समय वहां रहनेवाले जवान और उनके परिवार नींद में थे। इस हमले में शनिवार को ५ जवान शहीद हुए थे जिसमें दो जेसीओ, एक एसीओ और दो जवानों का समावेश होकर, एक जवान के पिता की इस हमले में मृत्यु हुई है तथा और एक जख्मी हुए महिला की अस्पताल में मृत्यु हुई है। इसके सिवाय ६ जख्मियो में १४ वर्ष के नौजवान लड़के की तबीयत गंभीर है। तथा एक गर्भवती को गोली लगकर वह जख्मी हुई थी। इस महिला की प्रकृति स्थिर होकर उसने अस्पताल में एक लड़की को जन्म देने की जानकारी लष्कर के प्रवक्ता ने दी है।

इस पृष्ठभूमि पर आतंकवादियों को खत्म करते हुए, अधिक जीवित हानि ना हो इसके लिए लष्कर ध्यानपूर्वक कदम उठा रहे हैं। तल पर होने वाले जवानों के परिवारों की सुरक्षा ध्यान में लेकर यह ऑपरेशन कार्यान्वित हो रहा है, इसलिए आतंकवादियों को खत्म करने के लिए अधिक समय लग रहा है, ऐसी जानकारी लष्कर के प्रवक्ता ने दी है।

सन २०१६ के नवंबर महीने में जम्मू के नगरोटा में लष्कर के शिविर पर इसी तरह का हमला हुआ था। उसके बाद लगभग १५ महीनो मे यह हमला फिर से हुआ है। नगरोटा के हमले में आतंकवादियों ने तल के फैमिली क्वार्टर में घुसने का प्रयत्न किया था। इससे आतंकवादी जवानों के साथ उनके परिवारों को लक्ष्य करने का भयंकर षडयंत्र रखने की बात सामने आई है।

इस हमले के सूत्रधार जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजर और हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन होने का दावा गुप्तचर यंत्रणा ने किया है। कुछ दिनों पहले अजहर और सलाहुद्दीन की भेंट पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के मुजफ्फराबाद में हुई थी। वही इस हमले का षड्यंत्र रचा गया था।

इससे पहले दोनों आतंकवादी संघटना एक दूसरों के स्पर्धा की जा रही थी पर सुरक्षा दल ने जम्मू-कश्मीर में सभी आतंकवादी संगठन के विरोध में कठोर कार्यवाही करके पिछले वर्ष में २०० से अधिक आतंकवादी ढेर किए थे।

उसके बाद आतंकवादी संगठन में एकजुट हुई है और इन संघटना के नेतृत्व अब साथ मिलकर भारत के विरोध में षड्यंत्र रचने के बात शनिवार को हुए हमले से स्पष्ट हो रही है।

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