डोकलाम मे नए तनाव के पृष्ठभूमि पर भारत के वरिष्ठ अधिकारियों की भूतान भेंट

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, विदेश सचिव विजय गोखले और लष्कर प्रमुख जनरल बिपीन रावत भूतान को भेंट देने की जानकारी सामने आई है। ‘डोकलाम’ से भारत और चीन में निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत और भूतान के संबंधों को बड़ा महत्व मिल रहा है। इसकी वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश सचिव और लष्कर प्रमुख के भूतान भेंट को अत्यंत गंभीरता से देखा जा रहा है।

डोकलाम, तनाव, अजित डोवल, विजय गोखले, बिपीन रावत, भूतान भेंट, गंभीरता, भारत, चीन

पिछले वर्ष भूतान के डोकलाम सीमा भाग में चीनी लष्कर ने घुसपैठ करके चीनी जवानों ने इस जगह रास्ता निर्माण शुरू किया था। भारत ने चीन के जवानों को रोककर, भारतीय लष्कर ने चीन का यह निर्माण रोका था। डोकलाम की भूमि पर भारत एवं चीन की सेना लगभग ७३ दिन एक दूसरों के सामने खड़े थी। इस तनाव का रूपांतर संघर्ष में होगा ऐसी धमकियां चीन से भारत को लगातार दी जा रही थी। पर भारत ने उसे प्रतिक्रिया ना देते हुए चीन के सैनिकों को वापस जाने पर विवश किया था। यह भारत का राजनीतिक तथा सामरिक स्तर का विजय होने का दावा किया जाता है। पर चीन को यह मानहानि सहन नहीं होगी एवं जल्द ही चीन से प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे थे।

विश्लेषकों का यह निष्कर्ष वास्तव में उतरा है और चीन ने फिर एक बार डोकलाम के पास होने वाले भाग में निर्माण शुरू करने की बात स्पष्ट हुई है। उस समय फिर से डोकलाम में तनाव निर्माण हुआ तो भारत को सबक सिखाने की भाषा चीन बोलने लगा है। इस समय चीन ने भूतान पर अधिक दबाव बढ़ाया है। भारत एवं भूटान में हुए करार के अनुसार भूतान का अन्य देशों के साथ संवाद भारत के द्वारा ही होता है। पर चीन भूतान में भारत को बीच में ना रखते हुए सीधे हमसे राजनैतिक संबंध स्थापित करें, ऐसी मांग कर रहे हैं।

चीन से भूतान पर आ रहे इस दबाव की पृष्ठभूमि पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, विदेश सचिव विजय गोखले और लष्कर प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने भूतान का दौरा किया है। इस बारे में जानकारी माध्यम से उजागर नहीं हुई है। पर भारत एवं भूतान में भावनात्मक साझेदारी एवं द्विपक्षीय सुरक्षा विशेष सहयोग अधिकृत करने के बारे में चर्चा होने की बात कही जा रही है। तथा चीन ‘डोकलाम’ के पास पर्वतराजीम में कर रहे निर्माण पर तथा वहां के चीन की लष्करी गतिविधियों का मुद्दा दोनों देशों की चर्चा में था।

भूतान भारत एवं चीन इन तीनों देशों से जुड़ा डोकलाम का यह भूभाग व्यूहरचनात्मक दृष्टि से भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह भाग चीन के कब्जे में आने पर चीन किसी भी क्षण भारत को उत्तर पूर्व राज्यों से तोड़ सकता है। इसलिए भारत इस बारे में अत्यंत सजग भूमिका ले रहा है। भारत और चीन में फिलहाल तनाव नहीं है फिर भी आने वाले समय में दोनों देशों में तनाव बढ़ता जाएगा एवं परिस्थिति भयानक हो सकती है, ऐसा अमरिका के गुप्तचर विभाग ने कुछ दिनों पहले अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.