भारतीय नौसेना में ‘वरुणास्त्र’ शामील

नवी दिल्ली, दि. ३० (वृत्तसंस्था) – दुश्मन की पनडुब्बी को अचूकता से ध्वस्त करनेवाला देसी बनावट का टॉर्पेडो ‘वरुणास्त्र’ भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। ‘वरुणास्त्र’ भारतीय नौसेना में शामिल होने से नौसेना की पनडुब्बीविरोधी यंत्रणा और भी सक्षम हो गई है। साथ ही ‘टॉर्पेडो’ बनानेवाले गिनेचुने देशों की सूचि में भारत भी शामील हो चुका है।

‘वरुणास्त्र’

बुधवार को भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर द्वारा ‘वरुणास्त्र’ भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) और ‘भारत डायनामिक्स’ ने ‘वरुणास्त्र’ विकसित किया है। इससे पहले ‘डीआरडीओ’ द्वारा विकसित किए गए टॉर्पेडो वजन में हल्के और कम पहुँच रहनेवाले थे। लेकिन ‘वरुणास्त्र’ अत्याधुनिक टॉर्पेडो है। साथ ही, गिनेचुने देशों के पास इस प्रकार के टॉर्पेडो के निर्माण की क्षमता है। इस प्रकार के टार्पेडो का निर्माण करनेवाला भारत आठवाँ देश है, यह जानकारी रक्षाविभाग के सूत्रों ने दी।

नौसेना में शामील होने के पहले ‘वरुणास्त्र’ के कई सफल परीक्षण किए गए है। इन परीक्षणों में ‘वरुणास्त्र’ ने पनडुब्बीविरोधी युद्ध की अपनी क्षमता साबित की है। ‘वरुणास्त्र’ का वजन  १.२५ टन का है, जिसमें २५० किलो विस्फोटक वहन करने की क्षमता है। साथ ही, समुद्री सतह पर ४० समुद्री मील की रफ्तार से टॉर्पेडो अपने लक्ष्य को ध्वस्त कर सकता है।

‘वरुणास्त्र’ टॉर्पेडो को कोलकाता, दिल्ली, तेज, तलवार और कोमात्रा श्रेणि के युद्धपोतों पर तैनात किया जा सकता है। ‘वरुणास्त्र’ का निर्माण जल्द से ही शुरू होनेवाला है। इसमें कुछ आवश्यक बदलाव करने के बाद इस टॉर्पेडो को नौसेना के पनडुब्बीयों में बिठाया जाएगा।

‘वरुणास्त्र’ विकसित करने पर रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने ‘डीआरडीओ’ की प्रशंसा की। साथ ही, भारत ‘वरुणास्त्र’ की निर्यात भी कर सकता है, इसके संकेत भी रक्षामंत्री ने दिये। लेकिन टॉर्पेडो दुसरे देशों को निर्यात करने से पहले टॉर्पेडो की गुणवत्ता आन्तर्राष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए,?यह बात टॉर्पेडो की निर्माणप्रक्रिया के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए, ऐसा सुझाव रक्षामंत्री ने दिया।

इसी दौरान, भारत ने इस्त्रायल के सहयोग से विकसित किए ‘बराक-८’ प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण गुरुवार को किया। ओडिशा के बालासोर में ‘चांदिपूर’ परीक्षण केंद्र से यह परीक्षण किया गया। यह परीक्षण सफल रहा, जिसमें बंगाल की खाड़ी में रहनेवाले लक्ष्य को अचूकता से टार्गेट किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.