‘पाकिस्तान से भारतीय उच्चायुक्त को वापस नहीं बुलायेंगे’ : विदेशमंत्रालय के सूत्रों का दावा

नई दिल्ली, दि. ४ (पीटीआय) – भारत और पाकिस्तान अपने अपने उच्चायुक्त को स्वदेश बुलाने की तैयारी में जुटे हैं, ऐसी खबर पाकिस्तान के एक समाचारपत्र ने दी थी| इससे दोनो देशों के बीच राजनयिक संवाद और भी कम हो जाएगा, ऐसा डर इस समाचारपत्र ने जताया था| लेकिन यह खबर गलत है, ऐसा कहकर भारत के विदेशमंत्रालय ने इसका खंडन किया है| भारत अपने पाकिस्तान स्थित उच्चायुक्त को स्वदेश बुलाने पर सोच नहीं रहा है, ऐसा विदेशमंत्रालय के सूत्रों ने कहा है|

उच्चायुक्त नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय के राजनयिक अधिकारी को, जासूसी करते वक्त दिल्ली पुलीस ने गिरफ्तार किया था| भारत ने उस अधिकारी को निष्कासित करने का आदेश देने के बाद, पाकिस्तान ने भी एक भारतीय राजनयिक अधिकारी को निष्कासित करके उसका बदला लेने का प्रयास किया था| साथ ही, भारत के अन्य आठ राजनयिक अधिकारियों पर जासूसी का और आतंकवादी कारनामों कों प्रोत्साहित करने का आरोप पाकिस्तान ने रखा था| इन अधिकारियों की जानकारी सार्वजनिक करने का गैरज़िम्मेदाराना फ़ैसला भी पाकिस्तान ने किया था| इसका भारत ने कड़े शब्दों में निषेध किया| साथ ही, ‘भारतीय राजनयिक अधिकारी बेकसूर हैं, उनके खिलाफ पाकिस्तान के पास पुख्ता सबूत नहीं है’ ऐसा भी भारत के विदेशमंत्रालय ने स्पष्ट किया था|

इस वजह से दोनो देशों के बीच राजनयिक स्तर पर युद्ध शुरू हुआ है, ऐसा दिखायी दे रहा है| पाकिस्तान ने अबतक अपने छह राजनयिक अधिकारियों को भारत से पाकिस्तान वापस बुलवाया है| साथ ही, ‘आनेवाले समय में पाकिस्तान भारत स्थित अपने उच्चायुक्त को स्वदेश बुलवा लेगा| इसके अलावा, भारत स्थित अपने दूतावास के अधिकारियों की संख्या कम कर देगा| भारत की तरफ से भी ऐसा ही किया जाएगा’ ऐसा दावा ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ इस पाकिस्तान के समाचारपत्र ने किया था| इससे दोनों देशों के बीच का संवाद और कम होगा, ऐसा डर इस समाचारपत्र ने जताया था| लेकिन यह खबर बेबुनियाद है, ऐसा भारत के विदेशमंत्रालय के सूत्रों ने कहा है|

दोनो देशों ने यदि अपने अपने उच्चायुक्त को स्वदेश बुलाया, तो इसका अर्थ दोनो देशों के संबंध बहुत ही खराब स्थिति में हैं, ऐसा प्रेरित होता है| फिलहाल जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में दोनो देशों की सेनाओं के बीच मुठभेड़ चल रही होने के कारण, भारत और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हुए होने के बावजूद भी, दोनो देश अपने बीच के राजनयिक संवाद को पूरी तरह रोकने को तैयार नहीं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं|

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