भारत के विदेश मंत्रालय ने इम्रान खान को लगाई कड़ी फ़टकार

नई दिल्ली – कोरोनावायरस की महामारी शुरू होने के बाद ८४% भारतीय जनता पर भूखमरी का संकट आया है, उनमें से ३४% भारतीय तो केवल हफ़्ते भर की कालावधि के लिए ही जीवित रह सकेंगे, ऐसे दावें कर उसपर अफ़सोस प्रदर्शित करनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने, भारत की मदद करने का प्रस्ताव रखा है। पाकिस्तान ने अपनी गरीब जनता के लिए लागू की योजनाओं का अनुभव हमारे पास है। इस अनुभव का इस्तेमाल हम भारत के लिए कर सकते हैं, ऐसी बड़ी उदारता इम्रान खान ने सोशल मीडिया पर दिखायी थी। उसका भारतीयों द्वारा मज़ाक उड़ाया जा रहा है। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने, जीडीपी के ९० प्रतिशत इतने कर्ज़े में डूबा हुआ पाकिस्तान पहले अपने देश की चिंता करें, ऐसा जताया है। साथ ही, पाकिस्तान के कुल जीडीपी से भी बड़ी रक़म का पॅकेज भारत सरकार ने अपनी जनता को दिता है, इसकी याद श्रीवास्तव ने पाकिस्तान को दिला दी।

India-Pakistan-Imrankhanअमरीका के कुछ विश्वविद्यालयों ने किये सर्वे में, कोरोनावायरस की महामारी शुरू होने के बाद तक़रीबन ८४% इतने भारतीय आर्थिक संकट में डूबे होने की बात कही गयी है। पाकिस्तान के अख़बार ने इस संदर्भ में ख़बर जारी की थी। उस ख़बर का हवाला देकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के सामने मदद का प्रस्ताव दिया। उसपर भारतीयों से प्रतिक्रिया उठी है। खुद भिख़ारी बना पाकिस्तान भारत जैसे देश को मदद का प्रस्ताव दे रहा है, यह सबसे हास्यास्पद बात साबित होती है, ऐसे शब्दों में ‘नेटिझन्स’ने इम्रान खान का मज़ाक उड़ाया।

उन्होंने किये दोषारोप और झूठीं शिकायतें इनकी ओर भारत की सरकार ध्यान नहीं देती, इस कारण बेचैन होने के कारण इम्रान खान ने सहायता का यह प्रस्ताव रखा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। कम से कम इससे तो उन्हें भारत सरकार से थोड़ीबहुत क़ीमत मिलेगी, इस उम्मीद से इम्रान खान ने यह कोशिश करके देखी, ऐसी टिप्पणी विश्लेषकों ने की है। अन्यथा कोरोनावायरस के संक्रमण का पाकिस्तान में विस्फोट होते समय, आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और अन्य देशों के पास भीख़ माँगनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह प्रस्ताव देकर अपने आपको मज़ाक का विषय ना बनाया होता।

भारत के विदेशमंत्रालय ने भी, इम्रान खान ने किये इस बयान की अच्छी ख़बर ली। पाकिस्तान को उनकी जनता के लिए करने जैसा बहुत कुछ है। इस देश पर उनकी जीडीपी की तुलना में ९०% इतना कर्ज़ है। वहीं, भारत सरकार ने अपनी जनता के लिए पाकिस्तान के कुल जीडीपी से भी अधिक रक़म का पैकेज उपलब्ध करा दिया है, ऐसे शब्दों में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इम्रान खान को फटकार लगाई है। पाकिस्तान में टिड्डीदल हमले ने लगभग दो करोड़ ३० लाख हेक्टर इतने क्षेत्र पर की फ़सल खा ली है। भारत में भी टिड्डीदलहमले की समस्या होने के बावजूद, भारत ने उसका सफलतापूर्वक सामना किया हुआ दिख रहा है। टिड्डीदल हमले की समस्या का हल निकालने के लिए भारत ने पाकिस्तान को सहायता देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अभी तक उसपर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया नहीं आयी है, इसकी ओर भारत के विदेशमंत्रालय ने ग़ौर फ़रमाया।

इस बात की ओर निर्देश करके, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को दिया मदद का प्रस्ताव यानी महज़ एक नाटक है, यह विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने दिखा दिया है। कोरोनावायरस की महामारी आयी, तब पाकिस्तान के माध्यम और भारतविद्वेषी पत्रकार तथा विश्लेषक, इस महामारी के कारण भारत की हालत कैसे दयनीय बनी है, यह बताकर उसपर खुशी ज़ाहिर कर रहे थे। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ढ़ह जायेगी, ऐसे दावें ठोककर, इस समस्या से भारत की जनता का ध्यान दूसरी ओर मोड़ने के लिए भारत की सरकार पाकिस्तान विद्वेष का इस्तेमाल कर रही है, ऐसा इन लोगों का कहना था। लेकिन अब पाकिस्तान में कोरोना की महामारी भयंकर स्वरूप धारण कर रही है और केवल लाहोर में ही इसके साढ़े छ: लाख से अधिक मरीज़ होंगे, ऐसी चिंता ज़ाहिर करनेवाली रिपोर्ट जारी हुई है। लेकिन यह रिपोर्ट मई महीने का होकर, अब लाहोर में ११ लाख से भी अधिक कोरोना के मरीज़ होने का दावा एक पत्रकार ने किया है।

पाकिस्तान की इस हालत के लिए इम्रान खान की ग़ैरज़िम्मेदाराना नीति कारणीभूत होने का दोषारोप इस पत्रकार ने रखा है। ऐसी स्थिति में, भारत को मदद का प्रस्ताव देकर अपने आप को मज़ाक बनानेवाले इम्रान खान की पाकिस्तान में अधिक कड़ी आलोचना की जायेगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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