भारतीय विदेशमंत्री एस. जयशंकर ग्रीस की यात्रा करेंगे

नई दिल्ली/अथेन्स – भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर इस महीने के अन्त में ग्रीस की यात्रा कर रहे हैं। ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे की जानकारी प्रदान की। बीते कुछ वर्षों में तुर्की और पाकिस्तान की नज़दिकियाँ बढ़ रहीं हैं और ऐसे में भारतीय विदेशमंत्री ने ग्रीस की यात्रा करना ग़ौरतलब साबित होता है। भारत और ग्रीस के विदेशमंत्री ने कुछ दिन पहले ही वर्चुअल बैठक की थी। इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर बातचीत हुई थी।

Greece-Indiaतुर्की-पाकिस्तान का सामरिक सहयोग और इससे मज़बूत हो रहें गुट को चुनौती देने के लिए ग्रीस ने भारत के साथ सहयोग अधिक मज़बूत करने के लिए पहल की है। पिछले महीने में, मात्र १० दिनों के दौरान ग्रीस के रक्षामंत्री एवं विदेशमंत्री ने भारत से चर्चा की थी। ग्रीस रक्षामंत्री ने भारत के साथ रक्षा तकनीक के क्षेत्र में सहयोग विकसित होना संभव होने के संकेत दिए थे। वहीं, ग्रीस के विश्‍लेषकों ने तुर्की के साथ जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर, भारत को भूमध्य समुद्री क्षेत्र में नौसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास करने के लिए निमंत्रित करने की मांग भी की थी।

Greece-Indiaभारतीय विदेशमंत्री की ग्रीस यात्रा दोनों देशों के बढ़ते सहयोग का अगला चरण साबित होता है। इससे पहले भारत ने सायप्रस के मुद्दे पर ग्रीस का समर्थन किया है और तुर्की के साथ जारी विवाद में भी भारत ग्रीस के पक्ष में खड़ा रहा है। बीते महीने में हुई वर्चुअल बैठक के दौरान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने, ग्रीस और तुर्की के बीच जारी विवाद का हल संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों के दायरे में निकाला जा सकता है, ऐसी स्पष्ट भूमिका रखी थी। ग्रीस ने भी संयुक्त राष्ट्रसंघ में लगातार भारत का समर्थन किया है और सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भी भारत का समर्थन करने का वादा किया है।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर कई देशों ने, राजनीतिक बैठक एवं चर्चा का वर्चुअल स्तर पर ही आयोजन करने पर ज़ोर दिया था। ऐसें में ग्रीस ने भारतीय विदेशमंत्री के दौरे के लिए पहल करना ध्यान आकर्षित करता है। इस दौरे में एस.जयशंकर ग्रीस के विदेशमंत्री के साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं से भेंट करेंगे। इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही क्षेत्रीय हितसंबंध, भूमध्य समुद्री क्षेत्र एवं दक्षिण एशिया से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी, यह जानकारी ग्रीस के विदेश विभाग ने प्रदान की है। द्विपक्षीय चर्चा में दोनों देशों की सेनाओं के संबंध अधिक मज़बूत करने के साथ ही, रक्षा एवं तकनीक के क्षेत्र के सहयोग से संबंधित मुद्दों पर ज़ोर दिया जाएगा, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की है।

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