भारत के विदेश मंत्री की ईरान और तुर्की से चर्चा

दुसांबे – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ताजिकिस्तान की राजधानी दुसांबे में दाखिल हुए हैं। दुसांबे में ‘हार्ट ऑफ एशिया’ इस अफगानिस्तान विषयक परिषद का आयोजन किया गया है। इस परिषद के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर की ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा संपन्न हुई। इस परिषद के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद भी उपस्थित रहनेवाले हैं। इस कारण, क्या यहाँ पर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात होगी, ऐसी चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन भारत की ओर से इस मुलाकात का प्रस्ताव नहीं आया है, ऐसा पाकिस्तान की विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया।

ईरान और तुर्की

‘हार्ट ऑफ एशिया’ के लिए लगभग ५० देशों के प्रतिनिधि आए हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने इस दौरे की शुरुआत, ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ के साथ हुई द्विपक्षीय चर्चा से होने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। इस समय दोनों देशों के बीच का सहयोग, खासकर छाबहार बंदरगाह के विकास के संदर्भ में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई, ऐसा बताया जाता है। भारत ईरान का छाबहार बंदरगाह विकसित कर रहा होकर, इस मार्ग से भारत ने अफगानिस्तान को आवश्यक चीजों की सप्लाई शुरू भी की है। आनेवाले समय में छाबहार बंदरगाह का महत्व भारी मात्रा में बढ़नेवाला होकर, ईरान के इस बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान और उससे भी परे जाकर, मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापारी यातायात शुरू करने के प्रोजेक्ट पर भारत तेज़ी से काम कर रहा है।

इस कारण भारत का इरान के साथ सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण बना है। कुछ दिन पहले ही भारत ने को दो १४० टन वज़न की मोबाईल हार्बर क्रेन भेंट कीं थीं। साथ ही, भारत का ईरान के साथ ईंधन विषयक सहयोग भी पूर्ववत हो रहा है। दुसांबे से चोरतूद तक ८-लेन के महामार्ग का काम शुरू है और भारत का ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनायझेशन’ (बीआरओ) इसका काम कर रहा है। इसका मुआयना करके विदेश मंत्री जयशंकर ने बीआरओ का कौतुक किया।

ईरान और तुर्की

इस दौरे में, विदेश मंत्री जयशंकर की तुर्की के विदेश मंत्री मेवलूत कावूसोग्लू के साथ भी द्विपक्षीय चर्चा संपन्न हुई। भारत-तुर्की द्विपक्षीय संबंध और अफगानिस्तान की गतिविधियाँ इस चर्चा में अग्रस्थान पर होने की जानकारी जयशंकर ने दी है। जल्द ही तुर्की अफगानिस्तान की शांतिप्रक्रिया के संदर्भ में स्वतंत्र बैठक का आयोजन करनेवाला है। भारत को भी इस बैठक का आमंत्रण दिया गया है। दुसांबे में होनेवाली इस बैठक में भारत और पाकिस्तान की विदेश मंत्री सहभागी होने वाले हैं, इसके कारण क्या उनमें चर्चा होगी, ऐसी चर्चा माध्यमों में शुरू हुई थी। कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के लष्करों में संघर्षबंदी लागू करने पर सहमति हुई थी। उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और लष्करप्रमुख ने भी भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया था। भारत और पाकिस्तान में चर्चा शुरू हुई, तो मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए भारत को मार्ग खुला कर दिया जाएगा, ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने घोषित किया था। उस पृष्ठभूमि पर, विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री कुरेशी के बीच दुसांबे में चर्चा हो सकेगी, ऐसे दावे किए जा रहे थे।

लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने, इस चर्चा के लिए भारत से प्रस्ताव ना आया होने का बयान किया है।

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