देश का विदेशी मुद्रा भंड़ार ५०० अरब डॉलर्स के पार

नई दिल्ली/मुंबई – देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में बढ़ोतरी हुई होकर, वह ५०० अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है। इसके साथ ही, सबसे अधिक विदेश मुद्रा का भंड़ार रखनेवाले देशों की सूचि में भारत अब पाँचवें स्थान पर जा पहुँचा है। आर्थिक विशेषज्ञ विदेशी मुद्रा भंड़ार में हुई इस बढ़ोतरी की ओर, अर्थव्यवस्था के अच्छे संकेत के तौर पर देख रहे है। मार्च महीने से देश की विदेशी मुद्रा भंड़ार में २४ अरब डॉलर्स से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है और इसके कारण भारतीय रुपये को मज़बूती प्राप्त होगी और रुपये की गिरावट भी रोकी जाएगी, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। साथ ही, कई विशेषज्ञ भारत की विदेशी मुद्रा भंड़ार आधे ट्रिलियन डॉलर्स से अधिक होने की ओर ऐतिहासिक क्षण के तौर पर देख रहे हैं।

RBI५ जून को ख़त्म हुए हफ़्ते में, भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार बढ़कर ५०१.७० अरब डॉलर्स तक जा पहुँचने की बात ‘रिज़र्व्ह बैंक ऑफ इंडिया’ (आरबीआय) ने घोषित की है। एक हफ़्ते में भारतीय विदेशी मुद्रा भंड़ार में ८.२२ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले के हफ़्ते में २९ मई तक, देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में ३.४४ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई थी और इस दौरान इसमें ४९३.४८ अरब डॉलर्स राशि जमा हुई थी।

आरबीआय ने घोषित की हुई जानकारी के अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में सबसे बड़ा हिस्सा होनेवाले ‘फॉरेन करन्सी एसेट’ (एफसीए) में एक हफ़्ते के दौरान ८.४२ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, देश के सोने के भंड़ार के मूल्य मे ३२.९ करोड़ डॉलर्स की गिरावट हुई है और इस दौरान सोने के भंड़ार का मूल्य ३२.३५२ अरब डॉलर्स हुआ है।

३० वर्ष पहले १९९० के दशक में, देश का विदेशी मुद्रा भंड़ार लगभग शून्य तक जा पहुँचा था और भारत को अपने आर्थिक व्यवहार जारी रखने के लिए देश का सोने का भंड़ार ब्रिटन के हाथ गिरवी रखना पड़ा था। मार्च १९९१ में भारतीय रिज़र्व्ह बैंक के हाथ में मात्र ५.८ अरब डॉलर्स इतनी ही विदेश मुद्रा बची थी। लेकिन, अब भारत सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंड़ार होनेवालें देशों की सूचि में पाँचवे स्थान पर जा पहुँचा है।

‘आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष’ (आयएमएफ) की जानकारी के अनुसार चीन, जापान, स्वित्झर्लैंड़ और रशिया के बाद सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंड़ार रखनेवाले देश के तौर पर भारत ने स्थान प्राप्त किया है। तैवान और सौदी अरब को पीछे छोड़कर भारत ने यह मुकाम हासिल किया है। कोरोना वायरस के संकट की वज़ह से र्इंधन की माँग कम होने से सौदी और अन्य खाड़ी के देशों के विदेशी मुद्रा भंड़ार में बड़ी गिरावट हुई है।

कोरोना की महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वज़ह से व्यापारी गतिविधियाँ रुकी हुई थीं। इस वज़ह से अन्य देशों से हो रही आयात भी कम हुई। उसी समय, देश में आनेवाले निवेश में बढ़ोतरी हुई है, यही देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में हुई बढ़ोतरी का प्रमुख कारण होने की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं। जून के पहले हफ़्ते में, देश में दो अरब डॉलर्स का विदेशी निवेश हुआ है, इस ओर भी आर्थिक विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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