भारतीय अर्थव्यवस्था सन २०२२ में पूर्ववत् होगी – नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार

नई दिल्ली – अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोनापूर्व दौर की ऊँचाई को छू लेगी, ऐसा विश्‍वास नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने व्यक्त किया है। उसी समय, विज्ञान, तंत्रज्ञान और संशोधन के बल पर, आनेवाले कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के अग्रसर देशों में से एक है, ऐसा दावा भी राजीव कुमार ने किया। कोरोना के दौर में भी देश में आनेवाला ठेंठ विदेशी निवेश रिकार्ड़ स्तर पर पहुँचा होने की बात सामने आयी थी। उसका हवाला देकर, कोरोना का प्रभाव कम होने के बाद भारतीय अर्थव्यस्था गतिमान होगी, ऐसा विश्‍वास कुछ अर्थविशेषज्ञ भी व्यक्त कर रहे हैं।

indian-economyएक वेबिनार को संबोधित करते समय नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक संकेत दिए। ‘कोरोना की महामारी के दौर में कई बातें बदलीं होकर, कुछ नये मार्ग भी सामने आये हैं। महामारी ख़त्म होने के बाद के दौर में यदि हमें उचित प्रगति करने है, तो उसके लिए नवीनतापूर्ण बातों का समावेश होनेवाली आर्थिक व्यवस्था का निर्माण करना होगा’, ऐसा आवाहन उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने किया।

अर्थव्यवस्था धीरे धीरे कोरोना से पहले की स्थिति में आने की शुरुआत हुई होकर, अगली कुछ तिमाहियों में वह उछाल लेगी, ऐसा दावा भी नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने किया। ‘कोरोनापूर्व दौर की ऊँचाई छूने के बाद की अगले २० से ३० सालों की कालावधि में भारतीय अर्थव्यवस्था औसतन ७-८ प्रतिशत दर से प्रगति करेगी। सन २०४७ तक भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के तीसरे नंबर की बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी’, ऐसा विश्‍वास राजीव कुमार ने व्यक्त किया। उसके लिए सरकार द्वारा कृषि, कामगार, छोटे एवं मध्यम उद्योग, शिक्षा और आधुनिक तथा औषधि इन जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे होकर, सुधार भी किये जा रहे है, इसपर उन्होंने ग़ौर फ़रमाया।

सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में विनिवेश के माध्यम से २.१० लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा नोने की जानकारी भी नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने दी। नीति आयोग ने गत कुछ सालों से, रसायनमुक्त प्राकृतिक खेती पर ज़ोर देने की शुरुआत की होने का दावा भी उन्होंने किया। प्राकृतिक खेती के कारण किसानों के उत्पन्न में सकारात्मक बदलाव होंगे, ऐसा भी राजीव कुमार ने बताया।

गत दो महीनों से भारतीय अर्थव्यवस्था से लगातार अच्छे संकेत सामने आ रहे हैं। लगातार दो महिनों में ‘जीएसटी’ ने एक लाख करोड़ की मर्यादा पार की होकर, विदेशी निवेश तथा फ़ॉरेन रिज़र्व्ज़् में भी भारी मात्रा में वृद्धि हो रही है। ‘मुडीज्’ जैसी एजन्सियों ने भी भारतीय विकासदर के बारे में वृद्धि के संकेत दिए हैं। वाहनक्षेत्र समेत ईंधन की माँग भी बढ़ रही होकर, ‘पीएमआय निर्देशांक’ में भी सुधार हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने किया बयान ग़ौरतलब साबित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.