भारतीय अर्थव्यवस्था चार ट्रिलियन डॉलर्स की करने के लिए नीति आयोग का प्लान तैयार

नई दिल्ली – देश की आजादी को वर्ष २०२२ में ७५ वर्ष पुरे हो रहे है तभी, भारतीय अर्थव्यवस्था चार ट्रिलियन डॉलर्स तक ले जाने का प्लान नीति आयोग ने प्रसिद्ध किया है| ‘स्ट्रेटेजी फॉर न्यू इंडिया @ ७५’ नाम से प्रसिद्ध किए गए इस प्लान के तहत विकासदर ९ से १० प्रतिशत तक बढाने की जरूरत व्यक्त की गई है| साथ ही विकास की प्रक्रिया सर्वसमावेशक, तय गति से हो, यह अपेक्षा भी इस प्लान में रखी है|

फिलहाल २.७ ट्रिलियन डॉलर्स की रही भारतीय अर्थव्यवस्था २०२२ तक ४ ट्रिलियन डॉलर्स की करने के लिए जरूरी प्रस्तावों की सिफारिश नीति आयोग के इस प्लान में की गई है| इस में फिलहाल ६.७ प्रतिशत दर से बढ रही भारतीय अर्थव्यवस्था अगले चार वर्षों में ८ प्रतिशत दर से प्रगती करती रही, तो यह मुकाम पाना संभव होगा| लेकिन, सबका विकास और समृद्धी करनी है तो देश ने ९ से १० प्रतिशत विकास दर का उद्दीश्य रखना जरूरी है, यह नीति आयोग का कहना है|

केंद्रीय अर्थमंत्री अरूण जेटली इन्होंने यह प्लान रखते समय उचित नीति अर्थव्यवस्था राह पर ला सकती है और जनता को गरिबी से छुटकारा दे सकती है, यह विश्‍वास व्यक्त किया| नीति आयोग के इस प्लान में किसानों की आमदनी दुगनी करने के साथ उत्पाद क्षेत्र को गति देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को बल देना और तकनीक एवं संशोधन के लिए बढावा देने की योजनाओं को शामिल किया गै|

फिलहाल १९०० डॉलर्स रहे राष्ट्रीय प्रति व्यक्ती उत्पन्न २०२२-२३ तक ३००० डॉलर्स के स्तर तक बढाने का उद्दीश्य भी इस प्लान में रखा गया है| इसके लिए कृषी क्षेत्र का विकास अहम रहेगा, इस ओर ध्यान आकर्षित करके संशोधन का लाभ सामान्य किसानों को भी मिले इस दृष्टी से योजना की कार्यवाही करने की आवश्यकता पर इस प्लान में जोर दिया गया है| कृषी उत्पन्न बाजार समिती कानून की जगह ‘एग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी ऍण्ड लाईवस्टॉक मार्केटिंग ऐक्ट’ (एपीएलएम) लेगा, यह संकेत इस प्लान के जरिये दिए गए है| साथ ही ‘ई-नैशनल एग्रिकल्चर मार्केट’ (ई-नाम) के विस्तार की महत्त्वाकांक्षी योजना भी इस प्लान में रखी गई है|

कृषी उत्पाद की निर्यात के लिए जरूरी सुविधा उपलब्ध की तो कृषी क्षेत्र के विकास की गति तेजी से बढेगी, यह उम्मीद इस प्लान में जताई गई है| लेकिन यह?उम्मीद व्यक्त करते समय किसानों को कर्जमाफी देने जैसी योजना पर्याप्त नही रहेगी, इससे किसान और कृषी उद्योग के प्रश्‍नों का हल नही निकलेगा, यह नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार इन्होंने कहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.