भारत के रक्षामंत्री बांगलादेश दौरे पर

ढाका: भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर बुधवार को दोन दिन के बांगलादेश दौरे पर दाखिल हुए हैं| भारतीय रक्षामंत्री का यह दौरा ऐतिहासिक साबित हुआ है और बांगलादेश का दौरा करनेवाले वे पहले रक्षामंत्री बने हैं| रक्षामंत्री के साथ लष्कर, हवाईदल, नौसेना और तटरक्षकदल के वरिष्ठ अधिकारियों का ११ लोगों का प्रतिनिधिमंडल भी बांगलादेश दौरे पर दाखिल हुआ है| दो देशों के बीच रक्षा और सुरक्षाविषयक सहयोग और रक्षा समझौते के संदर्भ में इस दौरे में अहम चर्चा होनेवाली है|

parrikarबांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना अगले महिने में भारत दौरे पर आनेवाली हैं| इस दौरे में, भारत और बांगलादेश के बीच अहम रक्षा सहयोग पर दस्तखत होने के संकेत दिए गए हैं| पिछले कुछ महीनों में बांगलादेश पर चीन का प्रभाव बढ रहा है और उसी समय इस संदर्भ में समझौता होना ग़ौरतलब है | इस वजह से रक्षामंत्री पर्रिकर का बांगलादेश दौरा भारत के लिए काफी संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है| रक्षामंत्री के साथ रक्षादल के वरिष्ठ अधिकारियों का इस दौरे में शामिल होना, यह इस दौरे की एहमियत को बयान करता है, ऐसा कहा जा रहा है|

बुधवार को ढाका में दाखिल होने के बाद भारतीय रक्षामंत्री ने, बांगलादेश की प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार पूर्व मेजर जनरल तारिक अहमद से मुलाकात की| चर्चा के बाद अलग अलग निवेदन जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन सूत्रो ने दी जानकारी के अनुसार, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दे पर चर्चा हुई, ऐसा कहा जा रहा है| इसके बाद रक्षामंत्री पर्रिकर बांगलादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमिद और प्रधानमंत्री शेख हसिना से भी मुलाकात करनेवाले हैं| रक्षामंत्री ‘बांगलादेश मिलिटरी ऍकॅडमी’ की भेंट करनेवाले हैं, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी है|

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने दी जानकारी के अनुसार, भारतीय रक्षादल के वरिष्ठ अधिकारी बांगलादेश के तीनों रक्षादलों के प्रमुखों के साथ चर्चा करनेवाले हैं| संयुक्त नौदल और हवाई अभ्यास, बांगलादेश लष्कर के प्रशिक्षण में और क्षमता बढाने के लिए सहयोग, रक्षा सामग्री और तंत्रज्ञान हस्तांतरण, सागरी क्षेत्र में संयुक्त गश्त और निगरानी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

कुछ दिन पहले चीन ने बांगलादेश को दो पनडुब्बियाँ बेची थीं| इसके बाद भारत और बांगलादेश के बीच के रक्षा सहयोग पर शंका जताई जा रही थी| लेकिन दोनों देशों ने, इस संदर्भ में किए गये दावों का खंडन किया है और भारत बांगलादेश का रक्षा सहयोग अबाधित है, ऐसा खुलासा किया है|

यह दावा रक्षामंत्री पर्रिकर के बांगलादेश दौरे की वजह से और भी मजबूत हुआ है, ऐसा सामने आ रहा है| साथ ही, जम्मू-काश्मीर स्थित उरी में हुए आतंकी हमले का स्पष्ट शब्दों में निषेध करते हुए, बांगलादेश ने पाकिस्तान-पृरस्कृत आतंकवाद के खिलाफ़ आक्रामक भूमिका अपनायी है| इसके परिणाम दोनों देशो कें संबंधो पर हुए हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है|

भारत और बांगलादेश के संबंधो पर परिणाम करनेवाला सीमावाद सुलझाने के लिए दोनों देशों को मिली कामयाबी, यह दोनों देशों के संबंधों में एक अहम पडाव माना जाता है| पिछले साल इस संदर्थ में किये गए समझौते पर दस्तखत करते हुए भारत और बांगलादेश के प्रधानमंत्रियों ने नया इतिहास रचा था| विश्‍व के प्रमुख देशों ने इसके लिए भारत की तारीफ़ की थी| साथ ही, ‘’ तथा ‘ईस्ट चायना सी’ का विवाद उठाकर यहाँ पर तनाव निर्माण करनेवाले चीन ने भारत का आदर्श सामने रखना चाहिए, ऐसी सलाह अमरीका ने चीन को दी थी|

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