लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारतीय सेना की ‘मैकेनाईज़्ड्‍ इन्फंट्री’ तैनाती

नई दिल्ली – लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर क्या हो रहा है, यह ज्ञात करने के लिए माध्यम काफी उत्सुक हैं, यह बात हम समझ सकते हैं। लेकिन, एक मर्यादा के बाहर जाकर इन गतिविधियों की अधिक जानकारी साझा करना संभव नहीं है। देश की सीमा सुरक्षित रखने की सेना की क्षमता और राजनीतिक स्तर की कुशलता पर सभी को दृढ़ विश्‍वास रखना होगा, यह बयान भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया है। उनका यह बयान प्रसिद्ध हो रहा था तभी भारतीय सेना के भीष्म, अर्जून टैंकों के साथ लंबी दूरी की तोप के बेड़े से सज्जित ‘मैकेनाईज़्ड इन्फंट्री’ की तैनाती लद्दाख की ‘एलएसी’ पर की गई है।

‘मैकेनाईज़्ड्‍ इन्फंट्री’

‘एलएसी’ पर लष्करी गतिविधियां बढ़ाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश चीन कर रहा है। चीन की यह कोशिश भारतीय सेना ने ‘मैकेनाईज़्ड इन्फंट्री’ की तैनाती करके चीन पर ही पलटी की हुई दिख रही है। नई दिल्ली के एक कार्यक्रम में माध्यमों से बातचीत के दौरान विदेशंमत्री जयशंकर ने चीन से बातचीत जारी है लेकिन इसके सभी ब्यौरे अभी सार्वजनिक करना संभव नहीं है यह बात स्पष्ट की। साथ ही ‘एलएसी’ संबंधित पूरी जानकारी भी सुरक्षा के नज़रिए से सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा, इस बात का एहसास भी विदेशमंत्री ने इस दौरान कराया। चीन ‘एलएसी’ पर बड़ी मात्रा में सैनिक और हथियार तैनात करके भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। भारत ने यहां से वापसि नहीं की तो युद्ध भड़केगा, ऐसे इशारे चीन अपने सरकारी मुखपत्र के माध्यम से दे रहा है।

‘मैकेनाईज़्ड्‍ इन्फंट्री’

ठंड़ के मौसम में भारतीय सेना ने वापसी की तो बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में तैनाती करके भारत को परास्त करने की साज़िश चीन ने रची होगी, ऐसी आशंका भारतीय कूटनीतिक और पूर्व लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं। इसकी पूर्व तैयारी चीन कर रहा है, यह बात बीते कुछ सप्ताहों से जारी चीन की गतिविधियों से सामने आ रही हैं। लेकिन, भारत ने सेना और राजनीतिक स्तर पर चीन के खिलाफ़ निर्णायक भूमिका अपनाई है और इसी कारण चीन के सभी दांव नाकाम हो रहे हैं। लद्दाख की ‘एलएसी’ पर चीन के मुकाबले भारी तैनाती करके भारतीय सेना ने चीन को झटका दिया है। साथ ही तिब्बत के क्षेत्र में लाईव फायरिंग का युद्धाभ्यास करके चुनौती दे रहे चीन के खिलाफ़ भारतीय सेना ने ‘मैकेनाईज़्ड इन्फंट्री’ की तैनाती की है।

‘मैकेनाईज़्ड्‍ इन्फंट्री’

‘भीष्म टी-९०’, अर्जुन टैंक, बख्तरबंद वाहन एवं लंबी दूरी के तोप की ‘एलएसी’ पर की गई तैनाती चीन के लिए ड़रावनी साबित होती है। काफी उंचाई पर सैनिक और हथियारों की युद्ध के लिए तैयारी करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, भारतीय सेना का जोश, सख्त प्रशिक्षण की वजह से यह तैनाती संभव हुई है, यह बयान मेजर जनरल अरविंद कपूर ने किया है। भारत की ‘मैकेनाईज़्ड इन्फंट्री’ किसी भी क्षेत्र या माहौल में अपना कर्तव्य निभा सकती है, यह बात एक लष्करी अधिकारी ने स्पष्ट की। चीन ने बड़ी संख्या में घुसपैठ करने की कोशिश की तो इस पर गोलीबारी से प्रत्युत्तर देने के आदेश भारतीय सेना को पहले ही प्राप्त हुए थे। अब ‘मैकेनाईज़्ड इन्फंट्री’ की तैनाती चीन को लष्करी गतिविधियां करने से पहले काफी सोचने के लिए मज़बूर करेगी।

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