‘यूएन’ में नियुक्त भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान को जड़ा जोदार तमाचा

संयुक्त राष्ट्रसंघ – संयुक्त राष्ट्रसंघ में जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा लगातार उठा रहे पाकिस्तान को भारतीय राजदूत ने जोरदार तमाचा जड़ा। चीन के अलावा विश्‍व के सभी देशों ने कश्‍मीर की समस्या द्विपक्षीय मसला होने की बात स्वीकार करके भारत का समर्थन किया है, इस बात की याद संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त भारत के राजदूत टी.एस.त्रिमूर्ती ने पाकिस्तान को दिलाई है। लेकिन, बार बार एक ही मुद्दा उपस्थित करके इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दे का रंग देने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान हर बार मुँह के बल गिरा है और भविष्य में भी गिरता रहेगा। पाकिस्तान की ऐसी कोशिश कभी भी कामयाब नहीं होगी, ऐसी जोरदार फटकार भी त्रिमूर्ती ने लगाई है।

UNबीते महीने में पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘कोविड-19’ के बाद ‘बहुपक्षवाद’ के मुद्दे पर बोलते समय कश्‍मीर का मुद्दा उपस्थित किया था। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के कश्‍मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दे का रंग देने की कोशिशों में नया कुछ नहीं है। पाकिस्तान की ऐसी कोशिशें कभी भी कामयाब नहीं होंगी, यह फटकार भी त्रिमूर्ती ने पाकिस्तान को लगाई है। बीते वर्ष संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने वर्ष 1972 के शिमला समझौते का ज़िक्र करके पाकिस्तान ने इस पर कोई भी पालन ना करने का बयान किया था, यह याद भी त्रिमूर्ती ने कराई।

साथ ही वर्ष 1965 के बाद इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की औपचारिक बैठक भी नहीं हुई। बीते वर्ष एक अनौपचारिक बैठक हुई थी। लेकिन, इससे एक ही बात स्पष्ट हुई। चीन के अलावा सभी देशों ने यह द्विपक्षीय मसला होने की बात स्वीकारी है, इस पर त्रिमूर्ती ने गौर कराया। इससे भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान-चीन के संबंध रेखांकित किए।

इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार आतंकियों की सहायता करती है, ऐसे सीधे आरोप लगाए। पाकिस्तान में 40 हज़ार आतंकी सक्रिय है और वह पड़ोसी देशों पर हमले करते हैं, यह बात स्वयं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने स्वीकारी थी। इस ओर भी त्रिमूर्ती ने ध्यान आकर्षित कराया। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्रसंघ के रपट में भी पाकिस्तान को फटकार लगाई गई थी, यह बात भी त्रिमूर्ती ने रेखांकित करके बयान की थी।

इसी बीच, पिछले महीने में संयुक्त राष्ट्रसंघ की आतंकवाद के विरोध में ‘वर्च्युअल’ बैठक हुई थी। इस दौरान भी भारत ने पाकिस्तान की इज्जत उछाली थी। लादेन को शहीद समझनेवाले आतंकवाद के मुद्दे को उपदेश ना दें, यह बात भारत ने पाकिस्तान को ड़टकर सुनाई थी। सारा विश्‍व कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान की आतंकी हरकतें अभी भी जारी होने का बयान करके भारत ने पाकिस्तान को तमाचा भी जड़ा।

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