अगले साल से भारतीय वायुसेना को ‘रफायल’ मिलेगा – डैसोल्ट कंपनी के सीईओ का दावा

पैरिस – सन २०१९ से भारत में रफायल विमानों की आपूर्ति की जाएगी, ऐसी घोषणा डैसोल्ट कंपनी के ‘सीईओ’ एरिक ट्रेपीयर ने की है। यह जानकारी देते समय ट्रेपीयर ने अपनी कंपनी को भारत की तरफ से इन लड़ाकू विमानों के लिए नया आर्डर मिलेगा, ऐसी व्यक्त की है। अभी तक अधिकृत स्तर पर भारत ने घोषणा की नही है, लेकिन आने वाले समय में भारत और कुछ रफायल विमानों की खरीदारी करने के लिए उत्सुक है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने हाल ही में फ़्रांस का दौरा किया है। तब उन्होंने रफायल विमानों के निर्माण के परियोजना का मुआइना भी किया था। भारत फ़्रांस से लगभग ३६ रफायल लड़ाकू विमानों की खरीदारी करने वाला है और यह विमान हथियारों से सज्जित होंगे। इन विमानों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ने वाली है। ऐसा भरोसा भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने व्यक्त किया है। एक ही समय पर अनेक लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखने वाले यह बहुउद्देशीय रफायल लड़ाकू विमान ‘गेम चेंजर’ साबित होंगे, ऐसी घोषणा हाल ही में वायुसेना प्रमुख धनोआ ने की है।

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इस पृष्ठभूमि पर, भारत की तरफ से अपनी कंपनी को नए आर्डर मिलेंगे ऐसी अपेक्षा डेसाल्ट कंपनी के ‘सीईओ’ ने व्यक्त की है। सन २०१९ से डैसल्ट कंपनी की तरफ से भारत को रफायल विमानों की आपूर्ति की जाएगी। लेकिन भारत ने इन विमानों की खरीदारी के सन्दर्भ का अनुबंध डैसल्ट कंपनी के साथ न करते हुए फ़्रांस की सरकार के साथ किया है। इस वजह से इन विमानों की खरीदारी के सन्दर्भ में नया अनुबंध भी फ़्रांस की सरकार के साथ ही होने की अधिक संभावना है।

भारत को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने के लिए अमेरिका, रशिया और अन्य देशों की कंपनियां भी प्रतियोगिता में हैं। यह कंपनियां अपनी निर्माण योजनाओं को भारत में स्थानांतरित करने के लिए भी तैयार हैं। साथ ही भारत को तकनीक हस्तांतरित करने के लिए भी तैयार हैं। इसमें से कुछ लड़ाकू विमानों के पुर्जे भारत में बनाने के ठेके भी दिए जा रहे हैं। लेकिन भारत ने अभी तक इन प्रस्तावों पर निर्णय नहीं दिया है।

अपनी वायुसेना में जल्द से जल्द आधुनिक लड़ाकू विमानों को दाखिल करने के लिए भारत सर्वाधिक प्राधान्य दे रहा है। एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध करने की नौबत आई तो भारतीय वायुसेना को लगभग ४२ स्क्वार्डन इतनी मात्रा में लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। इतने बड़े पैमाने पर लड़ाकू विमानों का बेडा तैयार करने के लिए भारत एक ही समय पर कई मोर्चों पर कोशिश कर रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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