भारतीय वायुसेना दुश्मनों को सबक सिखाने की क्षमता रखती है : वायुसेनाप्रमुख अरूप राहा

नई दिल्ली, दि. ४ (पीटीआय) – भारतीय वायुसेना किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए हर पल तैयार है| भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना हमेशा संरक्षणसिद्ध रहती है, ऐसा वायुसेनाप्रमुख अरूप राहा ने कहा| ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के बाद पहली बार मीडिया के सामने आये वायुसेनाप्रमुख ने इस मुहीम के बारे में बात करने से इन्कार किया| ‘नियंत्रण रेखा पर सेना पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब दे रही है, ऐसे समय इस संदर्भ में कोई भी जानकारी देना सही नहीं होगा’ ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने कहा|

भारतीय वायुसेना ‘पाकिस्तानी सेना और सरकार भारत के ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के दावे को नकार रही हैं| लेकिन जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा और आंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तनाव पैदा हुआ है, तभी पाकिस्तान की वायुसेना ‘हाय मार्क’ यह युद्धाभ्यास कर रही है, यह महज ‘इत्तेफाक’ है’ ऐसे शब्दों में वायुसेनाप्रमुख ने पाकिस्तान की दुखती नस पर उंगली रखी है| लेकिन भारत के ‘रक्षादलप्रमुख’पद की ज़िम्मेदारी संभाल रहे अरूप राहा ने ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के बारे में जानकारी देने से इन्कार किया| ‘इस नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पाकिस्तान को जवाब दे रही है, अत: इस संवेदनशील मुहीम के बारे में ज़्यादा जानकारी देना सही नहीं होगा| इसी कारण ‘क्या ऐसे समय में मीडिया के सामने जाना उचित है?’ इस के बारे में सोच रहा था| क्योंकि इस विषय पर सवाल पूछे जायेंगे, यह मुझे पता था’ ऐसा अरूप राहा ने कहा|

भारतीय वायुसेना के पास दुश्मनों को सबक सिखाने की क्षमता है| लेकिन इस क्षमता का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं, इसका फ़ैसला राजनीतिक नेतृत्व करता है, ऐसा भी अरूप राहा ने स्पष्ट किया| इसी दौरान, ‘पीओके’ में किये हमले के बाद आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव भारतीय सेना ने दिया था, ऐसी खबर सामने आई थी| ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ की वजह से, ‘पीओके’ में रहनेवाले आतंकी ठिकाने नष्ट हुए हैं| इस वजह से आतंकवादियों का काफी नुकसान हुआ था| लेकिन आतंकवादियों पर दबाव बरक़रार रखना है, तो बारबार हमलें करना ज़रूरी है, ऐसा सेना अधिकारियों का कहना है|

भारतीय सेना छ: महीनों के भीतर ‘पीओके’ स्थित सारे आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर सकती है, ऐसा कहते हुए अधिकारियों ने इस संदर्भ में सरकार के सामने प्रस्ताव रखा होने का दावा किया जा रहा है| भारत ने भी, आनेवाले समय में पुन: ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ होने की संभावना को नकारा नहीं है| आगे भी यदि आतंकी हमला होता है, तो भारत इस हमले का इसी तरह जवाब दे सकता है, ऐसा अंदेसा सरकार की ओर से दिया जा रहा है और देश की जनता भी ऐसी ही उम्मीद जता रही है| इस ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ की वजह से पाकिस्तानी सेना की मर्यादाएँ स्पष्ट हुईं हैं और भारत को ठेंठ परमाणुहमले की धमकी देनेवाली पाकिस्तानी सेना कितनी दुर्बल है, यह दुनिया के सामने आया है| दुनिया के सभी देशों ने भारत को समर्थन दिया है| किसी भी देश ने ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के दावे पर अपना विरोध नहीं जताया है|

आतंकवाद यह जागतिक समस्या बनी हुई है और आतंकवाद का ख़ात्मा करने के लिए अमरीका और पश्‍चिमी देश इराक और सीरिया जैसे देशों में सैन्य कार्रवाई कर रहे हैं| इन हालातों में, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ की हुई कार्रवाई को विरोध दर्ज कर, पाकिस्तान को समर्थन देने की गलती करने के लिए कोई भी देश तैयार नहीं है| इसका एहसास पाकिस्तान को भी है और अपना देश आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकाकी पड़ चुका है, यह पाकिस्तानी नेता भी स्वीकार रहे हैं|

पाकिस्तान के भूतपूर्व हुकूमशहा परवेझ मुशर्रफ ने, अपना देश राजनैतिक स्तर पर अकेला पड़ा है, इस बात का स्वीकार किया है| एक पाकिस्तानी चॅनल को दी मुलाकात में, ‘पाकिस्तान पुरी तरह घिर चुका है’ ऐसा कहते हुए, ‘पाकिस्तान की इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ जिम्मेदार हैं’ ऐसा कहा है|

‘अमरीका पाकिस्तान के खिलाफ गई है| इसी के साथ युरोपीय देश भी पाकिस्तान के पक्ष में खड़े नहीं हैं और भारत की आक्रामक राजनीतिक मुहिम के आगे पाकिस्तान हतबल हुआ है’ ऐसा खेद मुशर्रफ ने ज़ाहिर किया| ‘यदि मैं सत्ता में होता, तो भारत को मुँहतोड़ जवाब देता’ ऐसा दावा मुशर्रफ ने किया है|

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