भारतीय वायुसेना के गगन शक्ति का आरंभ – चीन और पाकिस्तान को संदेश

नई दिल्ली: ११०० विमानों के साथ १५००० से अधिक जवानों का समभाग होने वाले भारतीय वायुसेना का ‘गगनशक्ति’ यह आज तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास रविवार से शुरु हुआ है। एक ही समय पश्चिम और उत्तर ऐसे दोनों सीमा पर तथा हिंद महासागर में नौदल के साथ शुरू हुए, ऐसे युद्धाभ्यास द्वारा भारत ने चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट इशारा दिया है, यह दिखाई दे रहा है।

वायुसेना के द्वारा प्रति २ वर्षों में गगन शक्ति युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता है। वायुसेना के अलग-अलग विभाग कमांड सेंटर में समन्वय बढ़ाना, युद्ध परिस्थिति मे गतिमान कारवाई करना, मुहिम कार्यान्वित करने की क्षमता और तैयारी जांचना यह इस युद्ध अभ्यास का उद्देश्य होता है। पर इस समय होने वाले युद्ध अभ्यास की व्याप्ति बहुत ही बड़ी है।

गगन शक्ति, आरंभ, भारतीय वायुसेना, चीन, पाकिस्तान, संदेश, नई दिल्ली, हिंद महासागरचीन से भारत के विरोध में आक्रामक कार्यवाहियां शुरू है। तथा भारतीय सीमा से जुड़े हुए अपने तल पर चीनी लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाने की खबरें आई थी। इस पृष्ठभूमि पर वायुसेना के द्वारा आयोजित किए व्यापक युद्धाभ्यास का महत्व बढ़ा है। २२ अप्रैल तक यह युद्धाभ्यास शुरू रहने वाला है। इस युद्धाभ्यास में दो भाग होंगे, पहली भाग उत्तर सीमा के पास युद्ध सज्जता द्वारा जांच की जाएगी। उसके बाद पश्चिम सीमा पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के ३०० अधिकारियों के साथ १५००० जवान वायुसेना के और नौदल के ११०० लड़ाकू और परिवहन करने वाले विमान भी शामिल होने वाले हैं।

भारतीय वायुसेना के बेड़े में होनेवाले सभी प्रकार के लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास में शामिल होंगे और पहली बार तेजस यह भारतीय बनावट के हल्के वजन के लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास में शामिल किया जाएगा। इसके सिवाय सुखोई-३० एस, मिग-२१, मिग-२९, जैगुआर, मिराज यह लड़ाकू विमान तथा सी-१७, ग्लोबमास्टर सी-१३०जे, सुपर हरक्यूलिस इस परिवहन के विमानों के साथ अत्याधुनिक सी-१७ हेलीकॉप्टर और मानव रहित विमानों का भी युद्धाभ्यास में सहभाग रहेगा। इस युद्ध अभ्यास में नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेअर के साथ संयुक्त कार्यान्वित करने की क्षमता युद्धाभ्यास में जाँच होने वाली है।

१५ दिनों पहले वायुसेना के प्रमुख बी.एस.धनोआ ने भारतीय वायुसेना चीन से अधिक सुसाध्य होने की बात कही थी। जहां वायु सेना का की क्षमता का प्रश्न है, वहां मैदान पर भारत-चीन से अधिक बेहतर है, ऐसा वायुसेना प्रमुख ने कहा था। तथा चीन और पाकिस्तान ऐसे दोनों स्तर पर एक ही समय पर सामना करने की तैयारी रखनी होगी, ऐसा लष्कर प्रमुख बिपिन रावत ने हालही में लगातार सूचित किया था। इस पृष्ठभूमि पर एक ही समय पर उत्तर और पश्चिम एवं शहरी क्षेत्र में आयोजित किए यह व्यापक युद्धाभ्यास से भारत में पड़ोसी देशों को इशारा देने की बात दिखाई दे रही है।

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