पाकिस्तान को जोरदार चेतावनी देनी है तो भारत फिर एक बार सर्जिकल स्ट्राईक करेगा – भूतपूर्व लष्करी अधिकारी का दावा

नई दिल्ली – ‘’पाकिस्तान को फिर से जोरदार चेतावनी देनी है, तो भारत और एक बार ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ कर सकता है’, ऐसा भूतपूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. हुडा ने कहा है। सन २०१६ के सितम्बर महीने में भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के भूभाग में घुसकर किए ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ का विडियो न्यूज़ चैनलों पर दिखाया जा रहा है। उस पृष्ठभूमि पर, लेफ्टिनेंट जनरल हुडा ने दी हुई यह चेतावनी बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है।

पिछले दो दिनों से भारतीय न्यूज़ चैनलों पर सर्जिकल स्ट्राईक का विडियो दिखाया जा रहा है। इसमें भारतीय सैनिकों ने पकिस्तानी चौकियों पर किया हुआ भीषण हमला स्पष्ट रूपसे दिखाई दे रहा है। उसी समय इस हमले में पाकिस्तानी चौकियों का हुआ नुकसान भी इस विडियो में दिखाई दे रहा है। यह विडियो सर्जिकल स्ट्राईक का ही है और मैने इस हमले के बाद यह विडियो देखा था, ऐसी जानकारी लेफ्टिनेंट हुडा ने दी हिया। उसी समय इस हमले में पाकिस्तान के लगभग ७० से ८० जवान मारे गए थे, ऐसा दावा भी हुडा ने किया है।

चार ठिकानों पर किए गए इस हमले में पाकिस्तान का असल में कितना नुकसान हुआ है, इसकी गिनती भारतीय जवानों ने नहीं की है। लेकिन यह मुहीम फ़तेह होने के बाद मुआइना किया गया और इस हमले में पाकिस्तान के लगभग ७० से ८० जवानों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है, ऐसा हुडा ने कहा है। इस हमले के समय भारतीय लष्कर के नॉर्दर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हुडा थे। इस वजह से उनके विधान का महत्व बढ़ गया है। ’पाकिस्तान को फिर से जोरदार चेतावनी देनी है, तो भारत और एक बार ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करेगा, ऐसी हुडा ने चेतावनी दी है। दौरान, सर्जिकल स्ट्राईक के इस विडियो पर पाकिस्तान से भी प्रतिक्रिया आ रही है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने यह विडियो फ़र्जी है और सर्जिकल स्ट्राईक मतलब भारत की एक कल्पना है, ऐसा दावा किया है। वास्तव में सर्जिकल स्ट्राईक हुआ ही नहीं है, ऐसा फैसल ने कहा है। इसके पहले भी पाकिस्तान ने इस प्रकार के दावे किए थे। लेकिन भारतीय न्यूज़ चैनलों पर पाकिस्तानी अधिकारियों का संभाषण प्रसारित किया गया है और इसमें सर्जिकल स्ट्राईक की खबर की पाकिस्तान के अधिकारी ही पुष्टि कर रहे हैं। इस वजह से इस हमले से इन्कार करके पाकिस्तान की सरकार और लष्कर अपनी इज्जत बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है।

दौरान, सन २०१६ के सितम्बर महीने के अंत में हुए इस सर्जिकल स्ट्राईक के बाद अमरिका और रशिया ने इस खबर की पुष्टि करके, भारत को समर्थन दिया था। चीन ने इस बारे में तटस्थ भूमिका ली थी।

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