भारत अंडमान और लक्षद्विप के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करेगा

नई दिल्ली – सप्ताह पहले अंडमान-निकोबार एवं लक्षद्वीप के टापू ‘ऑप्टिकल फायबर’ ने जोड़ने का ऐतिहासिक ऐलान करने के बाद भारत ने इन द्विपों के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करने की मुहीम शुरू की है। इन द्विपों पर पहले से मौजूद हवाई अड्डों का इस्तेमाल विमान वाहक युद्धपोत के तौर पर करने की तैयारी सेना ने शुरू की है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ को करारा ज़वाब देने के लिए भारतीय रक्षाबलों ने यह कार्रवाई शुरू की है।

भारत अंडमान और लक्षद्विप के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करेगाभारतीय रक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में स्थित अंड़मान और निकोबार द्विपों के साथ अरब समुद्र में स्थित लक्षद्विप में मौजूद हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसमें अंड़मान के ‘आयएनएस कोन्हासा’, निकोबार के ‘कैम्पबेल’ और लक्षद्विप के अगाती हवाई अड्डों के रनवेज्‌ का समावेश है। इन तीनों जगहों पर मौजूदा स्थिति के रनवेज्‌ लड़ाकू विमानों की तैनाती के लिए तैयार नही है। साथ ही इन रनवेज्‌ पर प्रगत राड़ार यंत्रणा भी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, जल्द ही इन तीनों रनवेज्‌ का आधुनिकीकरण करके वहां पर प्रगत लड़ाकू विमानों की तैनाती करने के लिए आवश्‍यक तैयारी की जा रही है। अंडमान-निकोबार और लक्षद्विप का इस्तेमाल विमान वाहक युद्धपोत की तरह करने की योजना होने की बात इस अधिकारी ने एक समाचार पत्र से की हुई बातचीत के दौरान साझा की।

भारत अंडमान और लक्षद्विप के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करेगाअंड़मान-निकोबार द्विपों के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण होने पर बंगाल की खाड़ी से मलाक्का तक और लक्षद्विप के हवाई अड्डे की वजह से अरब सागर से एड़न की खाड़ी तक का समुद्री क्षेत्र संरक्षित होगा, यह दावा संबंधित अधिकारी ने किया। इसकी वजह से सबसे व्यस्त ऐसे दो समुद्री व्यापारी यातायात के मार्ग पर भारत की गश्‍त बढ़ेगी, यह कहा जा रहा है। यह रनवेज्‌ प्रगत करने के लिए आवश्‍यक गतिविधियां तुरंत शुरू होने की जानकारी इस अधिकारी ने बयान की। भारत के समुद्री क्षेत्र एवं नज़दिकी क्षेत्र में चीन की गतिविधियां बढ़ने की पृष्ठभूमि पर इन हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करने की ओर देखा जा रहा है। इससे संबंधित अधिक जानकारी सामने नहीं आ सकी है।

भारत अंडमान और लक्षद्विप के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करेगामलक्का की खाड़ी के लिए विकल्प के तौर पर चीन ने थायलैंड में ‘क्रा कैनल’ का निर्माण करने की कोशिश शुरू की है। यह होने पर चीन के जहाज़ मलाक्का की खाड़ी में बढती चुनौती से बचकर सीधे हिंद महासागर में प्रवेश कर सकेंगे। इससे चीन के व्यापारी जहाज़ों का लाभ होगा। लेकिन, साथ ही चीन के युद्धपोतों की भारतीय समुद्री क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ेंगी और देश की सुरक्षा के लिए चीन से बन रहे खतरे में भी बढ़ोतरी होगी, यह दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अंडमान-निकोबार और लक्षद्विप के हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण काफी अहम समझा जा रहा है।

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