गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी के बल पर भारत ‘ट्रिलियन डॉलर्स’ निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करेगा – केंद्रीय वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल

नई दिल्ली – विश्‍व भारत की ओर बड़े विश्‍वास से देख रहा है और जागतिक सप्लाई चेन में विश्‍वस्नीय साझेदार के तौर पर बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं। भारत की आत्मनिर्भर होने की क्षमता, अच्छा उत्पादन और गुणवत्ता को विश्‍व में मंजूरी दी जा रही है, यह बयान केंद्रीय वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल ने किया है। साथ ही भारत प्रोद्योगिकी गुणवत्ता के आधार पर एक लाख करोड़ डॉलर्स निर्यात का लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा। लेकिन, सरकार से सिर्फ सबसिडी प्राप्त करके यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं होगा, बल्कि निर्यातक और उद्योजगों को मिलकर काम करना होगा, इस ओर भी गोयल ने ध्यान आकर्षित किया।

गुणवत्ता

भारत ने कोरोना के संकट की ओर असवर के रूप में देखा है। इसी कारण इस दौर में अलग अलग क्षेत्रों में सुधार करने के नज़रिये से अहम निर्णय किए गए। यह सुधार भारत को मज़बूती देंगे और मज़बूती से विश्‍व से जुड़ने के लिए तैयार करेंगे, यह विश्‍वास गोयल ने व्यक्त किया। भारत ने एक ट्रिलियन डॉलर्स निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं होगा, यह विचार करने का कोई भी कारण हमें नज़र नहीं आ रहा है, यह बात भी गोयल ने कही।

लेकिन, सिर्फ सरकार से प्राप्त हो रही सबसिडी से यह लक्ष्य प्राप्त करना यकीनन संभव नहीं होगा। निर्यात को बल देने के लिए सबसिडी एकमात्र उपाय नहीं है बल्कि, निर्यात बढ़ाना संभव करनेवाले क्षेत्रों की पहचान करनी होगी। कुछ समय के लिए बढ़ावा देकर निर्यात बढ़ाने के लिए सहायता देना संभव होगा, यह बयान भी उन्होंने किया।

प्रौद्योगिकी गुणवत्ता सुधारने के लिए मौजूदा स्थिति में सहायता की आवश्‍यकता महसूस हो सकती है। लेकिन, इस नज़रिये से काम करने पर निर्यात बढ़ाना मुमकिन होगा। यदि भारत में निर्माण हो रहे उत्पादनों का दर्जा, गुणवत्ता और कीमत स्पर्धात्मक होते हैं तो यकीनन निर्यात में बढ़ोतरी होगी। लेकिन, निर्यात और स्थानीय क्षेत्र के लिए उत्पादनों को अलग रूप में ना देखें, यह बात भी गोयल ने स्पष्ट की।

भारत अच्छे बाज़ार वाले विकसित देशों के साथ कुछ अहम समझौते कर रहा है। इससे भारत जागतिक सप्लाईच चेन का भरोसेमंद साझेदार देश बनेगा, यह विश्‍वास गोयल ने व्यक्त किया है।

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