वियतनाम के रक्षा बलों को प्रगत करने के लिए भारत सहायता करेगा

नई दिल्ली – वियतनाम के रक्षा बलों को प्रगत करने के लिए भारत पुरी सहायता करेगा, यह वादा भारत ने किया हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल गो शुआन लिआ के बीच हाल ही में वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से बातचीत हुई। इस दौरान भारत-वियतनाम रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने पर जोर दिया गया।

बीते चार महीनों में भारत और वियतनाम की रक्षा, वाणिज्य और विदेश मंत्रालय के स्तर पर इस तरह की हुई यह तीसरीं बैठक हैं। इसके बाद अब १० दिसंबर के दिन आसियान देशों के रक्षामंत्रीयों की वर्चुअल बैठक वियतनाम की अध्यक्षता में हो रही हैं और इसके लिए वियतनाम ने भारत को आमंत्रित किया हैं। इस दौरान भी दोनों देशों की चर्चा होगी। भारत और वियतनाम का यह बढ़ता सहयोग चीन के साथ जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हो रहा हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना हैं।

वियतनाम ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ आकाश हवाई सुरक्षा यंत्रणा एवं ध्रुव हेलिकॉप्टर्स की खरीद करने में रुचि दिखाई हैं। साथ ही भारत के स्वदेशी बहुउद्देशीय ‘तेज़स’ विमानों की खरीद करने के लिए भी वियतनाम उत्सुकता दिखा रहा हैं। भारत की तरह वियतनाम का भी चीन के साथ विवाद जारी हैं और चीन ने वियतनाम के समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा जताया हैं। इस पृष्ठभूमि पर वियतनाम ने भारत से ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल यंत्रणा की खरीद करने की कोशिश शुरू की हैं। हाल ही में हुई बैठक में भी इससे संबंधित रक्षा सहयोग पर चर्चा होने के दावे किए जा रहे हैं।

दोनों देशों के संयुक्त रक्षा प्रकल्पों का जायज़ा भी इस बैठक में लिया गया। दोनों देशों के बीच युद्धपोत और पनडुब्बियों के निर्माण संबंधित सहयोग भी हो रहा हैं। इस विषयपर भी चर्चा होने का वृत्त हैं। इस दौरान भारत और वियतनाम ने ‘हायड्रोग्राफिक’ समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके अनुसार दोनों देश अपनी समुद्री क्षेत्र का ‘हायड्रोग्राफिक डाटा’ समय समय पर एक-दुसरें को प्रदान करेंगे। इसका इस्तेमाल जल परिवहन, पनडुब्बियों के ऑपरेशन्स के लिए होगा। इस पृष्ठभूमि पर इस समझौते की अहमियत बढ़ती हैं।

इसी बीच तीन सप्ताह पहले ही भारत और आसियान के देशों की वर्चुअल समिट हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और आसियान देशों की इंडो-पैसिफिक नीति में समानता हैं और इसी कारण आयिसान भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति की बुनियादी आधार बनता हैं, यह बात रेखांकित की थी। इस पृष्ठभूमि पर वियतनाम के साथ सभी आसियान देशों के साथ जारी सहयोग भारत अधिक मज़बूत करता हुआ दिख रहा हैं।

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