‘पाकिस्तान परिणामों के बारे में सोचें’ : भारत की पाकिस्तान को चेतावनी

नयी दिल्ली, दि. ११: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की लष्करी अदालत ने सुनाई मौत की सज़ा पर भारतीय संसद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है| ‘पाकिस्तान ने इस सज़ा पर अमल करते समय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए’ ऐसी कड़ी चेतावनी भारत के विदेशमंत्री ने दी है| संसद के दोनों सभागृह के सदस्यों ने एकसाथ पाकिस्तान का निषेध किया है और जाधव की रिहाई के लिए सरकार ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना चाहिए, ऐसी माँग की है| सरकार ने भी यह मामला आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की तैयारी की है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

मौत की सज़ा

कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करके उनको पाकिस्तान में लाया गया था| इसके बाद उनपर झूठे इल्जाम लगाकर लष्करी अदालत में जाधव के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था| भारतीय दूतावास ने जाधव को क़ानूनी सहायता मुहैय्या कराने के लिए पाकिस्तान के पास इजाज़त माँगी थी| लेकिन पाकिस्तान ने इजाज़त नहीं दी| लेकिन जाधव को मौत की सज़ा सुनाने के तीन घंटें बाद ही जाधव को क़ानूनी सहायता देने के लिए भारतीय दूतावास को पाकिस्तान ने मंज़ुरी दी, यह बात पाकिस्तान की न्यायप्रक्रिया के बारे में बहुत कुछ बयान करती है, ऐसी कड़ी आलोचना विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने की| पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते समय विदेशमंत्री स्वराज ने, इस मौत की सज़ा को अमल में लाने से पहले पाकिस्तान ने इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए, ऐसी कड़ी चेतावनी दी है|

पाकिस्तान ने इस सजा पर अमल किया, तो द्विपक्षीय संबंधों पर इसका अत्यधिक गंभीर परिणाम हो सकता है, ऐसा स्वराज ने कहा| कुलभूषण जाधव निर्दोष हैं और वे पाकिस्तान की साज़िश की वजह से फँस गए हैं, ऐसा स्वराज ने संसद में ठोस रूप में कहा| उनके खिलाफ़ एक भी सबूत न होते हुए भी पाकिस्तान की लष्करी अदालत ने सुनाई सजा, यह पूर्वनियोजित हत्या की साज़िश का हिस्सा है, ऐसा इल्जाम भी विदेशमंत्री स्वराज ने लगाया| लोकसभा और राज्यसभा में सभी पक्षों के सदस्यों ने पाकिस्तान की कड़े शब्दों में आलोचना की है|

इसी दौरान, सरकार ने जाधव को हुई सजा का मसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की तैयारी की है, ऐसी ख़बर सामने आ रही है| पाकिस्तान स्थित जर्मनी के पूर्व राजदूत ने कहा कि तालिबान के आंतकवादियों ने जाधव को ईरान से अगवा किया था| तालिबान ने ही सौदा करके जाधव को पाकिस्तानी खुफिया एजन्सी के पास सौंपा, ऐसा कहते हुए जर्मनी के पूर्व राजदूत ने, ‘इस संदर्भ में मेरे पास सबूत हैं’ ऐसा दावा किया था| इसी वजह से, भारत ने जाधव के सिलसिले में किये दावों को अधिक ही ताकत मिल रही है|

 ‘भारत का दबाव सहने के लिए तैयार रहें’ : पाकिस्तान सरकार को मीडिया की चेतावनी

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद दि. ११: कुलभूषण जाधव की सज़ा पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद भी पाकिस्तान सरकार इसपर अडियल है, ऐसा दिखाई दे रहा है| पकिस्तान के भारतस्थित राजदूत अब्दुल बसित ने, ‘जाधव आतंकवादी हैं और उन्हें सही सजा होनी चाहिए’ ऐसा उक़सानेवाला बयान दिया है| पाकिस्तान स्थित भारतविरोधी विश्‍लेषक भी इस सज़ा का समर्थन कर रहे हैं| लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने, यह सजा सुनाने के बाद भारत की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करने के लिए तैयार रहें, ऐसी सलाह अपनी सरकार को दी है|

पाकिस्तानी राजदूत ने जाधव का ज़िक्र ‘आतंकवादी’ ऐसा करते हुए, ‘भारत ने पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए रची साज़िश जाधव की गिरफ्तारी की वजह से सामने आयी है’ ऐसा दावा किया| पाकिस्तान के राजदूत यह दावा कर रहे हैं, तभी पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा असिफ ने कहा कि जाधव अपने बचाव के लिए ६० दिन में अपील कर सकते हैं| लेकिन उसी समय, ‘जाधव को हुई सजा सही है’ ऐसा रक्षामंत्री ख्वाजा असिफ ने कहा| पाकिस्तान के भारतविरोधी विश्‍लेषक भी इस सजा पर जल्द से जल्द अमल करने की माँग कर रहे हैं| इस के लिए विलंब हुआ, तो भारत पाकिस्तान पर आंतर्राष्ट्रीय दबाव बना सकता है, ऐसा इन विश्‍लेषकों का कहना है|

प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ की सरकार अमरीका अथवा अन्य देश के प्रभाव के नीचे दबकर जाधव की रिहाई का निर्णय ले सकती है, ऐसा डर पाकिस्तान के भारतविरोधी विश्‍लेषकों को लग रहा है| लेकिन पाकिस्तान के जानेमाने अखबार ने, जाधव की सजा के सिलसिले में पाकिस्तान सरकार को चौकन्ना रहने की सलाह दी है|

‘इस सजा पर यदि अमल हुआ, तो भारत पाकिस्तान पर बहुत बड़ा दवाब ला सकता है| यह दबाव सहन करने की तैयारी पाकिस्तान सरकार ने रखनी चाहिए’ ऐसा ‘द नेशन’, ‘एक्सप्रेस ट्रिब्युन’ एवं ‘डॉन’ इन पाकिस्तानी अखबारों ने कहा है| तभी जाधव के खिलाफ़ लष्करी अदालत में शुरू मुकदमे की जानकारी सार्वजनिक क्यो नहीं की गई, ऐसा सवाल कुछ समंजस पत्रकारों ने पूछा है| इस वजह से इस मुकदमे के सिलसिले में शक़ का माहौल बढ़ रहा है, ऐसी आलोचना इन पत्रकारों ने की है| तभी जाधव के खिलाफ के सबूत सार्वजनिक करके, पाकिस्तान ने भारत के इल्जामों का मुँहतोड़ जवाब देना चाहिए, ऐसी माँग कुछ मीडिया की ओर से की जा रही है|

लेकिन कुलभूषण के खिलाफ पाकिस्तान के पास सबूत नहीं हैं, इस बात को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार ने पहले ही कबूला था| इसी वजह से पाकिस्तान की सरकार आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा नहीं उठा रही है, ऐसा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार ने कहा था|

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