भारत-व्हिएतनाम खुले ‘इंडो-पॅसिफिक’ क्षेत्र के लिए सहयोग करेंगे- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: भारत एवं व्हीएतनाम खुले, स्वतंत्र समृद्ध इंडो पॅसिफिक क्षेत्र के लिए संयुक्त रुप से प्रयत्न करेंगे। इस इंडो पॅसिफिक क्षेत्र में सार्वभौमत्व एवं अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान रखा जाएगा एवं मतभेद सुलझाने के लिए संवाद का उपयोग किया जाएगा, ऐसे शब्दों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हीएतनाम के साथ सहयोग दृढ़ करने के संकेत दिए हैं।

व्हीएतनाम के राष्ट्राध्यक्ष त्रान दाई कुआंग भारत के दौरे पर होकर शनिवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की थी। उस समय द्विपक्षीय संबंध तथा इंडो पॅसिफिक क्षेत्र में सहयोग इन मुद्दों पर प्राथमिकता से चर्चा हुयी  है। उसके बाद भारत एवं व्हीएतनाम में परमाणु ऊर्जा व्यापार एवं कृषि क्षेत्र के करारों पर हस्ताक्षर किए गए। उस समय ईंधन, उत्खनन क्षेत्र में भी सहयोग अधिक बढ़ाने का निर्णय भी लेने की बात सूत्रों ने कही है। उस समय भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी उपस्थित थे।

व्हीएतनाम के राष्ट्राध्यक्ष कुआंग ने उस समय साऊथ चायना सी के मुद्दे पर भारत की भूमिका का समर्थन किया है। भारत में ‘लुक ईस्ट’ पॉलिसी के बल पर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की संघटना होने वाले आसियान के साथ बहुउद्देशीय सहयोग पर जोर दिया है। उस समय फ्रीडम ऑफ नॅविगेशन के मुद्दे पर ठोस भूमिका ली है। राष्ट्राध्यक्ष कुआंग भारत के साथ सागरी क्षेत्र तथा सायबर सुरक्षा के मुद्दे पर एकत्रित रूप से काम करने पर एकमत होने की बात घोषित की है।

भारतीय प्रधानमंत्री ने चर्चा के दौरान व्हीएतनाम में इंधन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर तथा रक्षा सहयोग दृढ़ करने के लिए सहायता प्रदान करने पर जोर देने की जानकारी सूत्रों ने दी है। भारतीय कंपनियों से व्हीएतनाम के सागर क्षेत्र में ईंधन, उत्खनन शुरू होकर उसपर चीन ने तीव्र नाराजगी व्यक्त की थी।

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