ईंधन के दामों में हुई गिरावट का भारत ने पुरा लाभ उठाया – ईंधन का भंडार कर रहीं रिफ़ायनरी पूरी तरह से भरी गई

नई दिल्ली – आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईंधन के दामों में हुई गिरावट का भारत ने पूरा लाभ उठाया है। भारतीय ईंधन कंपनियों ने अपनी ईंधन भंडारण की सभी टंकियाँ पूरी तरह से भर दी हैं। करीबन तीन करोड २० लाख टन ईंधन का भंडारण टंकियाँ, पाईपलाईन एवं ईंधन टैंकरों में किया गया है, यह जानकारी ईंधनमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साझा की। फिलहाल भंडार किए गए ईंधन से देश में २० प्रतिशत माँग पूरी करना संभव है, यह भी प्रधान ने कहा है।

कोरोना वायरस के कारण आंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की माँग कम होने से क़ीमत में भी गिरावट हुई है। ईंधन के दामों में पिछले दो महीनों में ६० प्रतिशत गिरावट हुई है, इसी बीच अमरीका के ‘वेस्ट टेक्सास इंटरमिड़िएट’ ने ईंधन के दाम शून्य से भी कम हुए दर्शाये थे। भारत अपनी ८० प्रतिशत ईंधन की ज़रूरत आयात तेल से पूरी करता है। इस ईंधन की आयात करने के लिए भारत सालाना अरबों डॉलर्स ख़र्च करता है। लेकिन ईंधन के दामों में बड़ी गिरावट होते ही भारत ने पूरा लाभ उठाया है और अपने भंडारण की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करके, ईंधन के सभी भंडार पूरी तरह से भर दिये हैं।

केंद्रीय ईंधनमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ही इससे संबंधित जानकारी साझा की। फिलहाल ३ करोड २० टन ईंधन का भंडारण किया गया है। स्ट्रैटेज़िक ईंधन भंडारण ड़िपो समेत सरकारी कंपनियों ने अपने ईंधन के भंडार पूरी क्षमता से भर दिए हैं। इसके साथ ही, पाईपलाईन और ईंधन के टैंकर भी पूरी तरह से भर दिए गये हैं, यह जानकारी ईंधनमंत्री प्रधान ने साझा की।

स्ट्रैटेज़िक ईंधन भंडारण केंद्रों में ५० लाख टन (५ करोड़ बैरल) ईंधन का संग्रह फिलहाल किया गया हैं। ७० लाख टन ईंधन तैरतें भंडारण केंद्रों में और २.५० करोड टन ईंधन का पाईप लाईन में भंडारण किया गया है। भारतीय ईंधन कंपनियाँ अपने ईंधन टैंकरों में भी भंडार कर रहीं हैं। इस वजह से देश के ईंधन का बिल कम करने के लिए सहायता होगी और देश के अरबों डॉलर्स की बचत होगी, यह बयान प्रधान ने किया है। पिछले हफ़्ते में प्राप्त हुई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारत ने अपने ९५ प्रतिशत ईंधन भंडारण केंद्र भर दिये हैं। इसी पृष्ठभूमि पर केंद्रीय मंत्री प्रधान ने यह जानकारी साझा की है।

फिलहाल देश में लॉकड़ाउन का तीसरा चरण शुरू हुआ है। इसमें कुछ हिस्सों में स्थित उद्योग और गाड़ियाँ शुरू करने के लिए सरकार ने सहूलियत प्रदान की है। १७ मई के बाद देश में आर्थिक कारोबार बढ़नें की संभावना है। अप्रैल महीने में स्थानीय स्तर पर ईंधन की माँग में ७० प्रतिशत गिरावट देख़ी हुई थी। लेकिन लॉकड़ाउन के तीसरें चरण के पहलें ही दिन ईंधन की माँग में १५ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं। इस वजह से, १७ मई के बाद ईंधन और पेट्रोलियम उत्पादनों की माँग स्थानीय स्तर पर बढ़ेगी, यह आशा प्रधान ने व्यक्त की।

ईंधन के दामों में हो रहीं गिरावट रोकने के लिए ईंधन निर्यातदार देशों ने ईंधन उत्पाद में रेकॉर्ड़ कमी की है। लेकिन माँग में इतनी बड़ी मात्रा में कमी हुई है कि उत्पाद कम करने के बावजूद क़ीमत पर ज़्यादा असर नहीं होगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। एक रिपोर्ट के अनुसार ईंधन की माँग में प्रति दिन तीन करोड़ बैरल्स की कमी हुई है। इस वजह से, आनेवाले समय में भारत इस स्थिति का अधिक लाभ उठाएगा, यह उम्मीद विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

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