ब्रिक्स बैंक के सदस्यों का विस्तार करने के लिए भारत का समर्थन

नई दिल्ली – ब्राज़िल, रशिया, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रिका (ब्रिक्स) देशों की ‘न्यू डेव्हलपमेंट बैंक’ (एनडीबी) के सदस्यों का विस्तार करने से संबंधित प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया है। मौजूदा स्थिति में ‘ब्रिक्स’ के पाँच सदस्य देश ही इस बैंक के सदस्य हैं। इस बैंक का गठन, अमरीका के प्रभाव में होनेवाली वैश्‍विक बैंक (वर्ल्ड़ बैंक) और आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आयएमएफ) के लिए विकल्प के तौर पर वर्ष २०१४ में किया गया था। इसमें भारत की भूमिका अहम रही थी। बीते चार वर्षों में बैंक ने कुछ विकसनशील देशों की अहम बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं के लिए निधि की आपूर्ति की है। इस पृष्ठभूमि पर, एनडीबी के सदस्यों का विस्तार करने के लिए भारत ने दिया समर्थन अहमियत रखता है।

brics-bankब्रिक्स देशों के वित्तमंत्री एवं केंद्रीय बैंकों के गर्व्हर्नर्स (एफएमसीबीजी) की पहली बैठक सोमवार के दिन हुई। रशिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक को संबोधित करते समय भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने एनडीबी के विस्तार पर ज़ोर दिया। एनडीबी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए भारत की अनुमति होने का बयान सीतारामन ने इस समय किया।

कोरोना के संकट का मुकाबला करने के लिए ‘जी-२०’ देशों ने ‘ऐक्शन प्लैन’ तैयार किया था। इसपर भी इस बैठक में चर्चा की गई। सभी ‘ब्रिक्स’ देश ‘जी-२०’ के सदस्य भी हैं। इसी कारण इस माध्यम से विकसनशील देशों की, अर्थव्यवस्था से संबंधित चिंताएँ दूर करने का काम ब्रिक्स देशों ने किया है, यह बयान सीतारामन ने किया। इस दौरान अर्थमंत्री सीतारामन ने क्षेत्रीय संतुलन बरक़रार रखने के लिए ‘ब्रिक्स’ देश भूमिका निभाएँ, इस पर भी ज़ोर दिया।

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