बांगलादेश, नेपाल और श्रीलंका को भारत कर रहा हैं दवाइयाँ और चिकित्सा के सामान की आपूर्ति

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – कोरोना वायरस की भयंकर महामारी के संकट का मुकाबला कर रहे बांगलादेश, नेपाल और श्रीलंका को भारत ने औषधि और मेडिकल किटस्‌ की आपूर्ति करना शुरू किया हैं। इसमें कोरोना वायरस के मरीजों पर इलाज करने के लिए सबसे प्रभावी साबित हुए हायड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन इस औषधि समेत ग्लोव्हज्‌, मास्क जैसे चिकित्सा से संबधित सामान का भी समावेश है। इस सहायता के लिए बांगलादेश, नेपाल और श्रीलंका ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया है।

कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के प्रमुखों के साथ टेलिकान्फरन्सींग के जरिए बातचीत की थी और कोरोना की आपत्ति के दौरान इन देशों के लिए सहायता का हाथ आगे किया था। भारत की ही पहल से सार्क ने ‘कोविड-१९ फंड’ का निर्माण किया और इससे सार्क देशों को कोरोना वायरस से लडने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

बांगलादेश में कोरोना वायरस की महामारी में १४० लोगों की मृत्यु हुई हैं और ५,००० मरीज़ पाये गए हैं। श्रीलंका में इस महामारी के कारण अबतक ७ लोगों की मौत हुई है और ४२० लोग बीमार हुए हैं। नेपाल में कोरोना के ५२ मामलें सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में भारत ने इन देशों को सहायता प्रदान करना अहम बात साबित होती है।

रविवार के दिन भारत ने बांगलादेश को हायड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की एक लाख टैब्लेटस्‌ प्रदान कीं। इससे पहले भारत ने बांगलादेश के डाक्टरों को मास्क और हेड़ कव्हर्स उपलब्ध कराए थे। रविवार के दिन भारत की सहायता प्राप्त होते ही बांगलादेश के स्वास्थ्यमंत्री जाहिद मलिक ने भारत का शुक्रिया अदा किया।

इसी बीच नेपाल को भी भारत ने मेडिकल सहायता प्रदान की है। भारत ने नेपाल को २३ टन औषधि और मेडिकल सामान की आपूर्ति की है। नेपाल को प्रदान की हुई इस सहायता में भी हायड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामल की औषधियाँ भी शामिल हैं। नेपाल में नियुक्त भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने ये औषधियाँ और मेडिकल सामान नेपाल के स्वास्थ्यमंत्री भानुभक्त धाकल के हाथ सौंप दिए। इसके लिए नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया।

इसके अलावा भारत ने श्रीलंका को भी हायड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की टैब्लेटस्‌ और डाक्टर्स और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए ग्लोव्हज्‌ की आपूर्ति की हैं।

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