भारत ने पाक़िस्तान के उच्चायुक्त को बुलाकर, आतंकवाद पर जताया सख़्त ऐतराज़

 नवी दिल्ली, दि. ९ (पीटीआय) –  पाक़िस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बसित को विदेश मंत्रालय बुलाकर भारत ने आतंकवाद पर सख़्त ऐतराज़ जताया है| जम्मू-कश्मीर में ज़िंदा पकड़ा ‘बहादूर अली’ यह ‘लश्कर-ए-तोयबा’ का आतंकी पाक़िस्तान का नागरिक है, ऐसा खुलकर सामने आया है| इस संदर्भ में सारे सबूत हाथ में आने के बाद विदेश मंत्रालय ने पाक़िस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया है| पाक़िस्तान के आतंकी कारनामों के बारे में केंद्र सरकार कड़ी नीति अपनायेगी, इसके स्पष्ट संकेत इस तलब से मिल रहे हैं|

आतंकवादजम्मू-कश्मीर में २५ जुलाई को सुरक्षबलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड हुई थी| ये आतंकी पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर से नियंत्रणरेखा लाँघकर आए थे| इस मुठभेड में अन्य आतंकवादियों की मौत हुई थी, लेकिन ‘बहादूर अली’ को ज़िंदा पकड़ने में सुरक्षाबलों को क़ामयाबी मिली है| बहादूर पाक़िस्तान के झिया बग्गा का रेहनेवाला है| उसने पाक़िस्तान के नागरिकत्व के बारे में अपनी सारी जानकारी दी है| यही नहीं, बल्कि ‘लश्कर’ की ओर से दिये जानेवाले, आतंकवादी कारवाई के प्रशिक्षण के सिलसिले में पूरी जानकारी बहादूर ने भारतीय जाँच एजन्सी को दी|

बहादूर ‘लश्कर’ के नेतृत्व के संपर्क में था, यह भी जाँच में सामने आया है| भारतीय सुरक्षाबलों के जवानों पर और कुछ संवेदनशील जगहों पर हमला करने के आदेश बहादूर और उसके साथियों को ‘लश्कर’ की ओर से दिये गए थे| लेकिन उसे ऐन वक़्त पर गिरफ़्तार किया गया| इस वजह से खूनख़राबे की बड़ी योजना विफल हुई, ऐसा दावा सुरक्षाबलों ने किया है| साथ ही, ‘लश्कर’ और इन आतंकी संगठनों को समर्थन देनेवाले पाक़िस्तान का फिर एक बार पर्दाफाश हुआ है| ‘भारत में होनेवाले आतंकी कारनामों से हमारा कतई संबंध नहीं है’ ऐसा दावा पाक़िस्तान की ओर से किया जाता है| लेकिन ‘बहादूर अली’ की गिरफ़्तारी से यह पूरा झूठ सामने आया है|

pg01_bahadur aliइस पृष्ठभूमि पर, भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अब्दुल बसित को बुलाकर समन्स दिया है| इस संदर्भ में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मीडिया को भी यह जानकारी दी है| अब तक भारत ने कई बार पाक़िस्तान के उच्चायुक्त को इस तरह तलब किया है| लेकिन आनेवाले समय में भारत सरकार की भूमिका और आक्रामक होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं| जम्मू-कश्मीर में होनेवाले हिंसक प्रदर्शन को, पाक़िस्तान की ओर से मिल रहे समर्थन को देखते हुए भारत से तिखी प्रतिक्रिया आ रही है| साथ ही, सार्क परिषद के लिए पाक़िस्तान की राजधानी में गये भारत के गृहमंत्री के लिए पाक़िस्तान द्वारा राजशिष्टाचार का पालन भी नहीं किया गया था| इस घटना के बाद पाक़िस्तान ने, भारत की नाराजगी को ही न्योता दिया है| इस वजह से, दोनो देशों में चर्चा होने की संभावना पूरी तरह से खारिज़ हुई है, ऐसा दिखाई देता है|

पाक़िस्तान ने ‘बुर्‍हान मुझफ्फर वनि’ को ‘आदर्शवादी’ बनाने का फ़ैसला कर भारत को उक़साया है| उसी समय, पाक़िस्तान से हफ़ीज़ सईद और मौलाना मसूद अझहर ये आतंकी भारत को परमाणु जंग की धमकी दे रहे हैं| यह सबकुछ पाक़िस्तान सरकार और सेना के आशीर्वाद से ही हो रहा है| इस वजह से, पाक़िस्तान के साथ बातचीत संभव नहीं है, यह दुनिया के सामने आ रहा है|

‘आतंकवाद का समर्थन करनेवाले देशों पर कार्रवाई करो और उन्हें एकाकी बनाओ’ ऐसी माँग भारत संयुक्त राष्ट्र के मंच से कर रहा है| उसी वक्त अमरीका ने भी, पाक़िस्तान आतंकवादियों पर अच्छी तरह से कार्रवाई नहीं कर रहा, ऐसी आलोचना की है| इस संदर्भ में अमरीका ने, पाक़िस्तान पर कार्रवाई करने का कदम उठाते हुए, क़रीब ३० करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता रोक दी है|

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