संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में भारत ने लगाई चीन को फटकार

न्यूयॉर्क – सुरक्षा परिषद के विस्तार के निर्णय में लगातार अड़ंगा लाया जाता रहा तो भारत एवं सहयोगी देश अन्य विकल्पों का विचार करेंगे, ऐसी कड़ी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के उप-राजदूत नागराज नायडू ने दी है। इस बैठक में भारत ने ज़िक्र किया नहीं हो लेकिन, चीन और चीन के मित्रदेशों को लक्ष्य करने के उद्देश्‍य से ही फटकार लगाई है। भारत की इस भूमिका पर ‘जी-४’ के जापान, ब्राज़िल और जर्मनी इन देशों ने समर्थन किया है। तभी, चीन के साथ पाकिस्तान और तुर्की यह भारत विरोधी देश अपनी भूमिका पर कायम रहे है। कुछ घंटे पहले इसी बैठक में भारत ने पाकिस्तान उपस्थित कर रहे कश्‍मीर जैसे पुराने मुद्दे को सुरक्षा परिषद के एजंड़ा से हमेशा के लिए बाहर करने की माँग की थी।

United_Nations_Security_Councilबीते दशक से संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की माँग लगातार हो रही है। सुरक्षा परिषद का विस्तार करके इसमें भारत को स्थान देने के लिए अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स के साथ अन्य कई देशों ने समर्थन घोषित किया है। भारत के साथ ही जापान, ब्राज़िल और जर्मनी को भी सुरक्षा परिषद का स्थायि सदस्य बनाने के लिए गतिविधियां हो रही हैं। लेकिन, दशक बीतने के बाद भी सुरक्षा परिषद के विस्तार के मुद्दे का अभी तक हल नहीं निकला है। सुरक्षा परिषद में भारत का समावेश करने के लिए चीन विरोध कर रहा है। चीन के साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ का ‘युनायटेड फॉर कन्सेन्सस’ गुट भी भारत की दावेदारी का विरोध कर रहा है। इसमें पाकिस्तान, तुर्की एवं इटली का समावेश है।

सुरक्षा परिषद के विस्तार को रही देरी पर भारत और अन्य ‘जी-४’ सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने नाराज़गी व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के अध्यक्ष को दिए गए दो पत्रों में भारत ने अपनी भुमिका ड़टकर स्पष्ट की। ‘सुरक्षा परिषद के विस्तार का विरोध कर रहे देश इस प्रक्रिया में अड़ंगा ना डालें, इसका ध्यान रखना होगा। लेकिन, इसके बाद भी सुरक्षा परिषद के विस्तार में मुश्‍किलें आती हैं तो अन्य विकल्पों का विचार किया जाएगा’, यह इशारा भारत के उप-राजदूत नायडू ने किया। सुरक्षा परिषद के विस्तार को लेकर भारत ने अपनाई आक्रामक भूमिका पर आश्‍चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

इस बैठक से कुछ घंटे पहले भारत ने पाकिस्तान को लक्ष्य किया था। संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में पाकिस्तान से लगातार उपस्थित हो रहा जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा अब कालविरुद्ध हो चुकी है और इसके आगे राष्ट्रसंघ के एजेंड़ा से यह मुद्दा हमेशा के लिए हटाया जाए, यह माँग भारत ने रखी। इस मुद्दे पर पाकिस्तान के हो रहे दावे तर्कहीन होने की आलोचना भारत ने की। साथ ही अपना देश शांतिप्रिय होने का दावा करके इस देश का प्रतिनिधि मंडल ‘रिब्रांडिंग’ करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, दुर्भाग्य से यही देश अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का उगम स्थान है, आतंकवाद का प्रमुख केंद्र है’, यह आरोप भारत ने किया। संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत की ऐसी आक्रामकता की वजह से पाकिस्तान के खेमे को काफी बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा छोड़कर पाकिस्तान के हाथ में कुछ भी नहीं बचेगा, यह चर्चा भी अब की जा रही है।

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