सुरक्षा के लिए ही भारत ने धारा ३७० हटाई – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

हेलसिन्की – ‘भारत के पडोस में ही जागतिक आतंकवाद का केंद्र है और इसी देश से निर्यात हो रहे आतंकवाद से पिछले तीन दशकों में ४० हजार भारतीयों ने जान गंवाई है| इसी लिए धारा ३७० हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाला प्रावधान हटाने का निर्णय भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सामने रखकर किया’, ऐला विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कहा है|

विदेशमंत्री जयशंकर तीन दिनों की फिनलैंड यात्रा कर रहे है| और इस दौरान वह जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत की भूमिका प्रभावी तौर पर पेश कर रहे है| हाल ही में यूरोपियन महासंघ की संसद के सत्र में पाकिस्तान ने कश्मीर समस्या उपस्थित की थी| इसी दौरान फिनलैंड ने भारत का पक्ष लेकर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करने से इन्कार किया था| इस पर हुई बातचीत में कुछ सांसदों ने पाकिस्तान के आतंकवाद पर कडी आलोचना की थी| साथ ही पाकिस्तान का कश्मीर से कुछ भी संबंध नही है और इस देश ने अवैध तरिके से कब्जा किया ‘पीओके’ भारत के हवाली कर दें, यह मांग भी इन सांसदों ने की थी|

इस पृष्ठभूमि पर भारत के विदेशमंत्री फिनलैंड पहुंचे है और उन्होंने इस देश के प्रधानमंत्री एवं विदेशमंत्री सें भेंट करके बातचीत की| इस बातचीत के जरिए द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही आतंकवाद विरोधी सहयोग का मुद्दा भी आगे था, यह कहा जा रहा है| इस दौरान शुक्रवार के दिन विदेशमंत्री जयशंकर ने ‘फिनिश इन्स्टिट्युट ऑफ इंटरनैशनल अफेअर्स’ (एफआईआईए) में भाषण किया|

‘इंडिया ऍण्ड द वर्ल्ड – प्रायोरिटिज् ऑफ इंडियन फॉरेन पॉलिसी’ इस विषय पर किए अपने भाषण में जयशंकर ने धारा ३७० संबंधी भारत की भूमिका काफी स्पष्ट तौर पर रखी| दुनिया भर के अन्य देशों की तरह भारत को आम पडोसी प्राप्त नही हुआ है| जागतिक आतंकवाद का केंद्र बना देश भारत का पडोसी है, यह कहकर विदेशमंत्री ने पाकिस्तान पर आलोचना की| भारत में आतंकी हरकतें करवाकर पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान ने करीब ४० हजार लोगों की हत्या की है| इस ओर भी विदेशमंत्री जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया|

ऐसी स्थिति में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नजर के सामने रखकर भारत कुछ निर्णय करने के लिए मजबूर होता है| जम्मू-कश्मीर दो विशेष दर्जा देनेवाली धारा ३७० हटाने का निर्णय इन्हीं में से एक है|

सुरक्षा और विकास के लिए भारत ने यह निर्णय किया है, यह कहकर विदेशमंत्री जयशंकर ने अपने इस निर्णय का समर्थन किया| साथ ही पाकिस्तान इससे जुडी सच्चाई का स्वीकार करें, यह निवेदन भी विदेशमंत्री जयशंकर ने अपने भाषण में किया|

पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर भारत मानव अधिकारों का हनन करता है, यह आरोप करने की तीव्रता बढाई है| इसके लिए अमरिका और यूरोपिय देशों में रहनेवाले पाकिस्तानी वंश के लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है और उनके जरिए पाकिस्तान इन देशों में प्रदर्शन करवा रहा है| मानव अधिकारों के मुद्दे पर यूरोपिय देश काफी संवेदनशीलता दिखाते है और इसीका अपने राजनीति के लिए लाभ उठाने की पाकिस्तान की साजिश है, इशका एहसास यूरोपिय देशों को दिलाना भारत के लिए अहमियत रखता है|

इस वजह से विदेशमंत्री जयशंकर ने फिनलैंड की यात्रा के साथ भी पाकिस्तान का आतंकी चेहरा फिर से सामने लाने के लिए की हुई राजनैतिक कोशिश अहमियत रखती है| अगले समय में पाकिस्तान के विरोध में भारत की यह महीम अधिक से अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| लेकिन, पाकिस्तान पर फिर से आतंकवाद का आरोप ना हो, इस के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान कोशिश करने लगे है| जम्मू-कश्मीर में जाकर कोई भी आतंकी हरकतें ना करें, इस वजह से कश्मीरी लोगों का ही नुकसान होगा, यह निवेदन इम्रान खान ने पाकिस्तानी जनता से किया है|

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