उप-राष्ट्रपति की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर आपत्ति जता रहे चीन के दावे भारत ने ठुकराए

india-reject-Chinaनई दिल्ली/बीजिंग – उप-राष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्ति भारत ने ठुकराई है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, ऐसा कहकर विदेश मंत्रालय ने चीन को फटकार लगाई। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के सेना अधिकारियों की बातचीत का १३ दौर नाकाम होने के बाद चीन ‘एलएसी’ पर तनाव बढ़ाने के लिए उकसानेवाली हरकतें करने की बात इससे फिर एक बार सामने आयी है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने भारत के उप-राष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर नाराज़गी जताई। अरुणाचल प्रदेश यानी दक्षिण तिब्बत है और यह चीन का हिस्सा है, यह दावा लिजिआन ने किया। ऐसे क्षेत्र में भारत के उप-राष्ट्रपति की यात्रा दोनों देशों का सीमा विवाद अधिक जटिल करनेवाली बात है। इसका संज्ञान लेकर भारत इस तरह की गतिविधियाँ करने से दूर रहे, ऐसा आवाहन जिलिआन ने किया। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

Venkaiah-naiduअरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अलग करना नामुमकिन होनेवाला क्षेत्र है और इस पर भारत का पूरा अधिकार है। इस वजह से चीन वर्णित मुद्दे पर कर रहे दावे भारत ठुकराता है, यह बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट की। ऐसी आपत्ति दर्ज़ करने के बजाय चीन लद्दाख के ‘एलएसी’ का तनाव कम करने की कोशिश करे। चीन की एकतरफा हरकतों की वजह से यहां पर तनाव निर्माण हुआ है, ऐसी फटकार बागची ने लगाई।

Arindam-Bagachiइसी बीच, रविवार के दिन भारत और चीन के सेना अधिकारियों के बातचीत का नया दौर नाकाम हुआ। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए आवश्याक सुझाव में रखे गए प्रावधानों से चीन ने इन्कार किया है, यह आरोप भारतीय सेना ने लगाया। तभी, भारतीय सेना चीन के सामने बेफिजूल माँगे कर रही है, यह आरोप चीन की सेना ने लगाया है। इस चर्चा के दौरान भारत ने अपनाई पुख्ता भूमिका की वजह से बेचैन हुए चीन ने अपने सरकारी मुखपत्र का इस्तेमाल करके भारत को धमकाने का सिलसिला शुरू किया है। भारत ने अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समावेश वाले ‘क्वाड’ के बलबूते पर चीन को चुनौती देने की तैयारी जुटाई है, यह आरोप चीन के मुखपत्र में प्रसिद्ध किए गए लेख में लगाया गया है।

लेकिन, अफ़गानिस्तान से वापसी करके अपनी सहयोगियों को बेहाल छोड़नेवाली अमरीका का क्रूर चेहरा भारत ना भूले, ऐसा इशारा चीन के इस सरकारी मुखपत्र ने दिया है। साथ ही चीन लष्करी नज़रिये से अधिक ताकतवर होते हुए भी भारत के प्रति नरमी दिखा रहा है, ऐसे दावे इस मुखपत्र ने ठोक दिए हैं।

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