‘आयओआर’ देशों को हथियार प्रदान करने के लिए भारत तैयार – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

बंगलुरू – हिंद महासागर क्षेत्र (आयओआर) के अपने मित्रदेशों को हथियार और रक्षा सामग्री की आपूर्ति करने के लिए भारत तैयार है। मिसाइलों से इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर यंत्रणा तक के रक्षा सामान की आपूर्ति भारत अपने मित्रदेशों को करेगा, यह ऐलान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस दौरान चीन का नाम लिए बगैर रक्षामंत्री ने हिंद महासागर में उभरे संकट का मुकाबला करने के लिए ‘आयओआर’ देशों को एकजूट करने की आवश्‍यकता होने का स्पष्ट इशारा दिया। साथ ही समान विचारधारा के देशों के लिए भारत विश्‍वसनीय भागीदार देश है और अपने पड़ोसी देशों की सहायता के लिए भारत हमेशा तैयार है, यह बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ड़टकर कही।

बंगलुरू में शुरू हुई एशिया की सबसे बड़े हवाई सुरक्षा प्रदर्शनी ‘एरो इंडिया-२०२१’ की पृष्ठभूमि पर ‘आयओआर’ के रक्षामंत्रियों की बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में ‘आयओआर’ के २८ देशों में से २६ देशों के रक्षामंत्री शामिल थे। भारतीय रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत, सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी इस बैठक में उपस्थित थे। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद महासार क्षेत्र में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए समन्वय और एकजूट की आवश्‍यकता होने का अहसास कराया।

विश्‍व के कुछ समुद्री क्षेत्रों में संघर्ष होगा, ऐसे हो रहे दावों से संबंधित क्षेत्रों में नकारात्मक असर हुआ है, इस ओर चीन का नाम लिए बगैर भारतीय रक्षामंत्री ने ‘आयओआर’ देशों का ध्यान आकर्षित किया। ‘साउथ चायना सी’ पर चीन के हो रहे दावे और वहां पर देखी जा रही चीन की आक्रामकता की वजह से निर्माण हुई स्थिति पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान से अप्रत्यक्ष तरीके से निशाना लगाया। हिंद महासागर क्षेत्र में ऐसी स्थिति निर्माण ना हो और स्थिरता एवं शांति बरकरार रहे, इसके लिए ‘आयओआर’ के देश समन्वय बढ़ाएँ। यहां की साधन संपत्ति का लाभ भी सभी देश मिलकर उठाएँ, ऐसा आवाहन राजनाथ सिंह ने किया।

इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘आयओआर’ देशों को अलग अलग रक्षा सामान एवं यंत्रणा प्रदान करने के लिए भारत तैयार होने का ऐलान किया। इससे मिसाइल यंत्रणा, कम भार के विमान, हेलिकॉप्टर्स, बहुद्दिशीय विमान, परिवहन के विमान, युद्धपोत, गश्‍तीपोत, तोप, टैंक, राड़ार यंत्रणा, लष्करी गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर यंत्रणा और अन्य शस्त्रों की यंत्रणा भारत ‘आयओआर’ के देशों को प्रदान करेगा, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा है।

मात्र रक्षा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि व्यापार, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में भी भारत ने ‘आयओआर’ के अपने मित्रदेशों के साथ सहयोग को मज़बूती प्रदान की है। इस दौरान रक्षामंत्री ने ‘प्रोजेक्ट मैसम’, ‘सागरमाला’ और ‘एशिया-अफ्रिका ग्रोथ कॉरिडॉर’ प्रकल्पों का भी ज़िक्र किया। कोरोना के संकट के दौर में भी भारत ने ‘ऑपरेशन सागर’ के तहत समुद्री सीमा से जुड़े अपने पड़ोसी देशों को आवश्‍यक हर तरह की सहायता प्रदान की थी। इसमें अनाज़ की आपूर्ति के साथ दवाईयां, वैद्यकीय दल एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की थीं, इस ओर भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ध्यान आकर्षित किया।

रफायल विमानों का चीन को ड़र – वायुसेनाप्रमुख भदौरिया

भारतीय वायुसेना के बेड़े में रफायल विमान दाखिल होने से चीन काफी ड़रा हुआ हैं। चीन ने भारतीय सीमा के करीबी क्षेत्र में अपने अतिप्रगत ‘जे-२०’ लड़ाकू विमानों की तैनाती की थी। लेकिन, भारत ने अपनी सरहदी क्षेत्र में रफायल की तैनाती करते ही चीन पीछे हटा है, ऐसा वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया ने कहा है। भारत और चीन के बीच तनाव कम करने के लिए चर्चा हो रही है। चर्चा के माध्यम से इस तनाव का हल निकालने पर जोर दिया जा रहा है। सीमा पर बनी स्थिति इसी चर्चा पर निर्भर है। मौजूदा स्थिति में आवश्‍यक तैनाती की गई है। चर्चा से हल निकालकर पीछे हटने की प्रक्रिया चीनने शुरू की तो उचित होगा। लेकिन, कोई भी नई स्थिति निर्माण हुई तो हम इसके लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं, यह इशारा भारतीय वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने दिया। हम चीन की कृति और क्षमता से संबंधित पूरी जानकारी रखते हैं, यह बात भी वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने रेखांकित की।

 

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