भारत की संरक्षणसिद्धता बढ़ाने की गतिविधियों में ते़ज़ी

नई दिल्ली, दि. ६ : भारतीय सेना पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाको में सेनातैनाती बढ़ा रही है, ऐसा दावा कुछ पश्‍चिमी नियतकालिकों द्वारा किया जा रहा है| भारत के इस साल के अर्थसंकल्प में संरक्षणखर्चे का प्रावधान बढ़ाया गया होकर, उस कारण पाकिस्तानी मीडिया ने भारत पर नये इल्ज़ाम लगाना शुरू कर दिया है| इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने युद्धसिद्धता बढ़ाने के लिये लगभग २० हज़ार करोड़ रुपयों के हथियार और गोलाबारूद खरीदने का फैसला कर, पाकिस्तान की चिंता बढ़ाई है| इस खरीदारी में लड़ाकू विमान, टैंक, तोप और युद्धपोतों के लिये लगनेवाले गोलाबारूद बड़े पैमाने पर शामिल है|

भारतपिछले कुछ सालों से भारत की संरक्षणसिद्धता पर गंभीर सवाल उठाये जा रहे थे| कुछ साल पहले, तत्कालीन सेनाप्रमुख ने भारतीय सेना के पास पर्याप्त गोलाबारूद नहीं है, ऐसी शिकायत की थी| इस वजह से देश की सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा पैदा हुआ है, ऐसा कहते हुए, ये हालात फ़ौरन बदलने चाहिए, ऐसी उम्मीद तत्कालीन सेनाप्रमुख ने जताई थी| इसके बाद गोलाबारूद की खरीदारी पर गंभीरता से विचारविमर्श शुरू हुआ था| भारतीय सेना करीब दस दिनों तक बड़ी क्षमता का युद्ध लड़ सकेगी, इतने पैमाने पर गोलाबारूद तैयार रखने का फैसला रक्षा मंत्रालय द्वारा किया होने का दावा सूत्रों ने किया है|

रशिया, इस्रायल और फ्रान्स इन देशों से यह गोलाबारूद खरीदने के लिये कोशिशें शुरू हुई हैं| सेना, वायुसेना तथा नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को, अत्यावश्यक रक्षासामग्री और गोलाबारूद की सूचि तैयार करने की सूचना दी गई है| इसके लिये विशेष अधिकार भी सौंप दिये गये हैं, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी| हाल ही में घोषित हुये अर्थसंकल्प में, इस प्रकार की रक्षासामग्री की खरीदारी सुनिश्‍चित करने के लिए करीब दस प्रतिशत इतनी ज़्यादा राशि का प्रावधान किया गया है| इस कारण यह खरीदारी प्रक्रिया अधिक ते़ज़ होगी|

भारतीय वायुसेना ने पिछले कुछ महिनों में, करीब ९२०० करोड़ रुपयों के ४३ समझौते किये हैं| इनमें ‘सुखोई-३० एमकेआय’, ’मिराज-२०००’, ‘मिग-२९’ और ‘आयएल-७६’, ‘आयएल-७८’, इन विमानों के अतिरिक्त भाग और गोलाबारूद की सामग्री शामिल है|

इसके साथ ही भारतीय सेना ने लगभग दस समझौते किये हैं, जिनके ज़रिये ‘टी-९०’, ‘टी-७२’ टैंक के लिये टैंक विरोधी कोंकुर मिसाईल्स और स्मर्च रॉकैटस् की खरीदारी रशियन कंपनियों द्वारा हो जायेगी| यह संरक्षणसिद्धता बढ़ाने के पीछे भारत की सुनिश्‍चित ऐसी योजना है, ऐसा दावा किया जाता है| कुछ अमरीकी विश्‍लेषकों ने भारत और पाकिस्तान के संबंध खतरनाक स्थिती में पहुँचे हैं, ऐसी चेतावनी कुछ महीने पहले दी थी| यदि भारत में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा भीषण खूनखराबा हुआ, तो पाकिस्तान को सबक सिखाने की माँग भारत में ज़ोर से शुरू होगी| इसका दबाव भारत सरकार पर आयेगा और सरकार के लिए सैनिकी कार्रवाई करना जरूरी होगा, ऐसा इस अमरीकी विश्‍लेषक ने ज़ोर देकर कहा था| इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने बढ़ायी रक्षासिद्धता का महत्त्व और बढ़ गया है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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