छह परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण शुरू – भारत के नौसेना प्रमुख की घोषणा

नई दिल्ली: भारत ने छह परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है, यह महत्वपूर्ण जानकारी नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा ने दी है। लेकिन इस गोपनीय परियोजना के बारे में अधिक जानकारी देना मुनासिब नहीं होगा, ऐसा एडमिरल लाम्बा ने कहा है। भारत के समुद्री क्षेत्र में चीनी नौसेना की गतिविधियाँ चिंताजनक रूप से बढ़ रहीं हैं, ऐसे में भारतीय नौसेना प्रमुख ने दी यह जानकारी सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नौसेना प्रमुख

४ दिसम्बर को नौसेना दिवस संपन्न होने वाला है, इस पृष्ठभूमि पर एडमिरल लाम्बा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। भारत ने लगभग छः परमाणु पनडुब्बियों की निर्माण प्रक्रिया शुरू की है, ऐसा कहकर एडमिरल लाम्बा ने नौसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए कदम उठा रही है, इस बात को स्पष्ट किया है। भारत के समुद्री इलाके में चीनी नौसेना की गतिविधयों पर नौसेना की कड़ी नजर है, इसका एहसास भी एडमिरल लाम्बा ने जताया है। किसी भी वक्त भारत के समुद्री क्षेत्र में चीन के करीब आठ जंगी जहाज मौजूद रहते हैं। इस साल अगस्त महीने में यश संख्या १४ पर गयी थी, इस बात की तरफ एडमिरल लाम्बा ने ध्यान आकर्षित किया है।

चीनी नौसेना की यह तैनाती समुद्री डकैती के खिलाफ है, ऐसा खुलासा चीन की ओर से किया गया है। लेकिन यह कारण भरोसा रखने के लायक नहीं है, ऐसा कहकर चीन की तैनाती के खिलाफ भारतीय नौसेना ने कदम उठाए हैं, ऐसा एडमिरल लाम्बा ने कहा है। साथ ही पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में चीन अपने जंगी जहाजों को तैनात करने की कोशिश में है, इसका ध्यान रखकर भारत की तरफ से इस चुनौती का सामना करने की तैयारी भी नौसेना ने की है, ऐसा नौसेना प्रमुख ने बताया है। इसीके साथ ही महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर भारतीय नौसेना ने अपनी तैनाती की है, इसकी भी जानकारी लाम्बा ने दी है। इसमें अंदमान का समुद्री क्षेत्र, मलाक्का की खाड़ी, ओमान की खाड़ी, पर्सियन खाड़ी, उत्तर अरबी और सुन्दा और लंबोक इत्यादि समुद्री क्षेत्रों का समावेश है, ऐसा एडमिरल लाम्बा ने कहा है।

नौसेना प्रमुख

अधिक आसान शब्दों में कहा जाए तो एडन की खाड़ी से पश्चिमी पसिफ़िक समुद्री क्षेत्र तक भारतीय नौसेना की सर्वकाल तैनाती रहेगी, ऐसा एडमिरल लाम्बा ने स्पष्ट किया है। नौसेना प्रमुख द्वारा यह घोषणा की जा रही है, ऐसे में कुछ दिनों पहले भारत के तीनों रक्षा दलों के अंदमान-निकोबार में पूरे हुए संयुक्त युद्धाभ्यास पर चीन ने नाराजगी जताई थी। यह युद्धाभ्यास गैर जिम्मेदाराना है, ऐसा चीनी अभ्यासकों ने कहा था। भारत का यह युद्धाभ्यास मतलब चीन को इशारा होगा, चीन इसको ज्यादा महत्व न देते हुए हिन्द महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कायम रखने वाला है, ऐसा ‘ली जे’ इस चीनी विश्लेषक ने कहा है।

हिन्द महासागर क्षेत्र अकेले भारत का नहीं है, ऐसा कहकर इस क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों की उपस्थिति वैध है, ऐसा ‘झाओ गान्चेंग’ इस दुसरे चीनी विश्लेषक ने कहा है।

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