‘भारत पाकिस्तान पर दंडात्मक कार्रवाई करने के तैयारी में’ : अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी का दावा

वॉशिंग्टन, दि. २४: भारत के खिलाफ आतंकवादियों को पाल-पोसनेवाले पाकिस्तान पर ‘दंडात्मक’ कार्रवाई करने का भारत गंभीरता से विचार कर रहा है, ऐसे अमरीका की ‘डिफेन्स इंटेलिजन्स एजन्सी’ के डायरेक्टर लेफ्टनंट जनरल विन्सेट स्टेवर्ट ने कहा है| जम्मू-कश्मीर के नौशेरा और नौगाम में नियंत्रणरेखा के पास के पाकिस्तानी सेना की चौकियाँ तबाह कर देनेवाला वीडियो भारतीय सेना ने सार्वजनिक करने के बाद, दूसरे ही दिन विन्सेट स्टेवर्ड ने किया यह बयान ध्यान खींच रहा है|

दंडात्मक कार्रवाई

अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी’ के सुनवाई में ‘दुनियाभर के खतरे’ इस विषय पर बातचीत करते वक्त लेफ्टनंट जनरल विन्सेट स्टेवर्ट ने भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध पर चिंता जतायी है| भारत ने आक्रामक राजनैतिक पहल करते हुए आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेर लिया है| इतना ही नहीं, बल्कि भारत में घातपात मचानेवाले आतंकवादियों को अभी भी पाकिस्तान से दिये जानेवाले सहयोग पर ग़ौर करते हुए, भारत ने पाकिस्तान पर ‘दंडात्मक’ कार्रवाई करने पर गंभीरता से विचार शुरू किया है, ऐसी जानकारी इस दौरान विन्सेट स्टेवर्ट ने दी| कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर भारत और पाकिस्तानी सेना की हर दिन मुठभेड़ शुरू रहती है| यह मुठभेड़ अब तीव्र बनी होकर, भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंध बिगड़ गये हैं| इसी कारण भारत किसी भी समय पाकिस्तान के खिलाफ यह फैसला कर सकता है, ऐसे संकेत स्टेवर्ट ने दिये|

पाकिस्तान अफगानिस्तान स्थित आतंकवादियों की ओर अपनी ‘आरक्षित’ सेना के तौर पर देख रहा है, ऐसी तीव्र आलोचना इस वक्त स्टेवर्ट ने की| अमरीका को स्थिर और शांत अफगानिस्तान चाहिए| पाकिस्तान को भी इसी तरह का अफगानिस्तान चाहिए| लेकिन इस अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव नहीं रहना चाहिए, ऐसी पाकिस्तानी की शर्त है| इस भूमिका से पाकिस्तान अफगानिस्तान के समस्या की ओर देख रहा है, ऐसी आलोचना स्टेवर्ट ने की| अपना यह राजनीतिक हेतू सफल करने के लिए अफगानिस्तान के आतंकवादियों से पाकिस्तान हाथ मिला रहा है| यहाँ के आतंकवादियों की ओर पाकिस्तान अपनी ‘आरक्षित’ सेना के तौर पर देख रहा है ऐसा कहते हुए अफगानिस्तान को पाकिस्तान भारत से रहे खतरे के दृष्टी से देख रहा है|

अफगानिस्तान का कल भारत के समर्थन रहा तो पाकिस्तान स्थिर और शांत अफगानिस्तान के लिए कभी भी कोशिश नहीं करेगा, ऐसा इल्ज़ाम स्टेवर्ट ने लगाया| स्टेवर्ट ने अमरिकी सांसद की समिती के सामने दी जानकारी के अनुसार, इससे पहले भी सेना अधिकारी और विशेषज्ज्ञों ने पाकिस्तान के दोमुँहा नीति पर उँगली रखी थी| आज तक पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अमरीका के दुश्मनों से सहयोग करते हुए अमरीका का काफी नुकसान किया, इसपर विशेषज्ज्ञों ने ग़ौर फ़रमाया| आगे चलकर पाकिस्तान की यह नीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती, ऐसा इन विशेषज्ज्ञों का कहना है| ट्रम्प प्रशासन ने अमरीका की कमान हाथ में लेने के बाद अफगानिस्तान स्थित आतंकवादविरोधी मुहिम को सबसे बड़ा महत्त्व दिया है| उसीके तहत, अफगानिस्तान में ५० हज़ार सेन्य तैनात करने पर विचार शुरू हुआ है|

ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान ने अमरीका का भरोसा तोड़कर, आतंकवादियों को पाल-पोसनेवाली नीति बरकरार रखी, तो उनका काफी बड़ा झटका अमरीका को लग सकता है| इस पृष्ठभूमि पर, ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को नोंक पर रखना शुरू किया होकर, इसी कारण अमरीका की पाकिस्तानसंबंधित भाषा जहाल बन गयी है|

ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को दिया जानेवाला आर्थिक सहयोग कर्ज़े के रूप में देने की तैय्यारी दिखायी थी| ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान चीन के अधिक नज़दीक जायेगा, ऐसा मत अमरीका के विश्लेषक जता रहे होकर, स्टेवर्ट ने भी ‘आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी’ को इसके बारे में सूचित किया है|

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