भारत-फिलिपाईन्स का रक्षा और समुद्री सहयोग मज़बूत होगा

नई दिल्ली – भारत-फिलिपाईन्स में रक्षा और समुद्री सहयोग मज़बूत करने पर सहमति हुई है। रक्षा सामान की आपूर्ति एवं लष्करी प्रशिक्षण पर दोनों देश विशेष ध्यान देंगे। साउथ चायना सी में चीन कर रहे दावे के मुद्दे पर फिलिपाईन्स ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। साउथ चायना सी में चीन की गतिविधियों पर जवाब देने के लिए हाल ही में फिलिपाईन्स ने आर्म्ड मिलिशिया गठित करने की एवं चीन को जैसे को तैसा जवाब देने का ऐलान भी किया था। साथ ही फिलिपाईन्स ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की गतिविधियां बढ़ाई हैं। इस पृष्ठभूमि पर भारत और फिलिपाईन्स का यह सहयोग ध्यान आकर्षित कर रहा है।

india-philippinesशुक्रवार के दिन भारत और फिलिपाईन्स के जॉर्इंट कमिशन की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में भारत का नेतृत्व विदेशमंत्री एस.जयशंकर और फिलिपाईन्स का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव तेड्ररो लॉकसिन ने किया। इस दौरान दोनों देशों में रक्षा और समुद्री सहयोग पर चर्चा हुई। साथ ही आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का आदान-प्रदान करने पर भी भारत और फिलिपाईन्स की सहमति हुई। इस दौरान भारत और फिलिपाईन्स में व्यापार, निवेश, शिक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों के सहयोग पर चर्चा होने का वृत्त है। भारत की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और एशियन क्षेत्र से संबंधित नीति के अनुसार भारत और फिलिपाईन्स का सहयोग अहम साबित हो रहा है, यह बयान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया।

इसी बीच भारत और रशिया ने संयुक्त कोशिश से विकसित किया गया ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रूचि दिखाई है। ब्रह्मोस के लिए जल्द ही भारत और फिलिपाईन्स में समझौता होगा, यह चर्चा है। लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और साउथ चायना सी में चीन की आक्रामकता भी बढ़ रही है। तभी भारत और फिलिपाईन्स में सहयोग मज़बूत हो रहा है। यह बात ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हो रही है। कोरोना वायरस के संकट काल में भी भारत और फिलिपाईन्स में व्यापार और निवेश के साथ अलग अलग क्षेत्र के सहयोग पर दो बार वर्चुअल चर्चा हुई है, इस ओर विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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