भारत और पाकिस्तान के बीच दीर्घकालिक युद्ध भड़केगा – अमरीका के ‘नॅशनल इंटेलिजन्स कौन्सिल’ का दावा

वॉशिंग्टन – कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के लष्कर ने संघर्ष बंदी लागू की है। दोनों देशों में चर्चा होगी, ऐसी गहरी संभावना कुछ लोगों द्वारा जताई जा रही है। इसके भी आगे जाकर पाकिस्तानी पत्रकारों ने दावे किए हैं कि अक्तूबर महीने में भारत के प्रधानमंत्री पाकिस्तान का दौरा करेंगे। ऐसे में, अमरीका के ‘नॅशनल इंटेलिजन्स कौन्सिल’ ने भारत और पाकिस्तान के बीच दीर्घकालिक युद्ध भड़केगा, ऐसा निष्कर्ष दर्ज करनेवाली रिपोर्ट दी है। साथ ही, भारत का चीन के साथ भी संघर्ष शुरू हो सकता है, ऐसा दावा भी इस रिपोर्ट में किया गया है।

तालिबान ने दी अवधि में अमरीका अफगानिस्तान से सेनावापसी नहीं करेगी, उसके लिए और छः महीने लगेंगे, ऐसा बायडेन प्रशासन ने तालिबान से डटकर कहा है। इसी दौरान नॅशनल इंटेलिजन्स कौन्सिल की रिपोर्ट सामने आई है। अमरीका की अफगानिस्तान विषयक नीति के परिणाम दक्षिण एशियाई क्षेत्र पर होंगे, ऐसी चेतावनी इस रिपोर्ट में दी गई है। अमरीका ने यदि अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाई, तो अफगानी लष्कर और तालिबान के बीच घनघोर संघर्ष भड़केगा। इस संघर्ष का लाभ इस क्षेत्र के आतंकवादी संगठनों को मिलेगा और आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में मुक्त रूप से संचार कर सकेंगे। इसका पाकिस्तान की अंतर्गत स्थिति पर असर होगा। कुछ प्रबल आतंकवादी संगठन भारत में बड़ा खूनखराबा करवा सकते हैं, इस पर इस रिपोर्ट में गौर फरमाया गया है।

भारत पर हुआ यह आतंकवादी हमला बहुत ही गंभीर है और उसे जवाब देना अनिवार्य है, ऐसा एक बार अगर भारत सरकार ने तय किया, तो फिर भारत का पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू होगा। पाकिस्तान को मजबूरन अपना बचाव करना ही पड़ेगा। इस युद्ध में एक-दूसरे की क्षमता के बारे में होनेवाली गलतफहमियाँ निर्णायक साबित होंगी। यह युद्ध दीर्घकालिक होगा, ऐसा इस रिपोर्ट में दर्ज किया गया है। साथ ही, किसी गलतफहमी से भी भारत और पाकिस्तान में युद्ध भड़क सकता है, ऐसा दावा अमरीका के नॅशनल इंटेजिलन्स कौन्सिल ने किया है। भारत और पाकिस्तान के युद्ध की संभावना जताते समय, भारत का चीन के साथ भी संघर्ष हो सकता है, ऐसा दावा कौन्सिल की इस रिपोर्ट में किया गया है। उसके लिए पिछले साल लद्दाख की एलएसी पर हुए भारत-चीन संघर्ष का हवाला दिया गया है।

इसी बीच, प्राकृतिक आपत्तियाँ भी देशों के भविष्य में अहम भूमिका निभाती हैं, इसपर इस रिपोर्ट ने गौर फरमाया है। सन १९७० में उस समय के पूर्वीय पाकिस्तान में ज़बरदस्त चक्रवात आया था। उसका सामना करने में पाकिस्तान का प्रशासन नाकामयाब साबित हुआ। इस कारण सन १९७१ में बांग्लादेश का निर्माण हुआ था, इसपर इस रिपोर्ट ने गौर फरमाया। आज के दौर में भी ऐसी घटनाएँ हो सकती हैं ऐसे दावे करके, कोरोना की महामारी के कारण भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर बने तनाव का हवाला नॅशनल इंटेलिजन्स कौन्सिल ने दिया है।

भारत और चीन के बीच दक्षिण एशिया में वर्चस्व प्राप्त करने के लिए युद्ध जारी है। इस युद्ध में कुछ देश भारत का पक्ष छोड़कर चीन की ओर मोड़ सकते हैं। उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए भारत जापान से सहायता ले सकता है, ऐसा दावा इस रिपोर्ट में किया गया है। बता दें, इससे पहले भी अमरीका में, भारत और पाकिस्तान के युद्ध की संभावना जतानेवालीं रिपोर्ट्स जारी हुईं थीं। उसी समय, भारत और चीन के बीच युद्ध भड़केगा, ऐसे दावे अमरिकी विश्लेषक कर रहे थे। नॅशनल इंटेलिजन्स कौन्सिल की रिपोर्ट भी ऐसी ही डरावनी संभावना जता रही है। लेकिन अमरीका की अफगानिस्तान से सेनावापसी को टालने के लिए इस रिपोर्ट का इस्तेमाल किया जाने की अधिक संभावना है। अमरीका की सेना अफगानिस्तान में तैनात रखना, यह दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए आवश्यक है, यह जताने के लिए बायडेन का प्रशासन इस रिपोर्ट का इस्तेमाल कर सकता है। उस दिशा में बायडेन प्रशासन की गतिविधियाँ जारी होकर, यह रिपोर्ट उसके लिए प्रस्तुत किया जाता होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

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