चीन ने सीमा से संबंधित किए नए कानून पर भारत ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली – अपनी संप्रभुता और अखंड़ता के लिए बने खतरे के विरोध में सीमा पर कार्रवाई करने के लिए, चिनी सेना को विशेष अधिकार प्रदान करने का निर्णय चीन ने किया है। ‘एलएसी’ पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन ने किए निर्णय का लक्ष्य भारत ही होने की बात सामने आ रही है। इसपर भारत ने गंभीर संज्ञान लिया है। चीन का यह एकतरफ़ा निर्णय, इस देश ने भारत के साथ किए द्विपक्षीय समझौतों पर असर करनेवाला है, यह चेतावनी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है।

सीमा से संबंधित१ जनवरी, २०२२ से अपनी सेना को ये विशेष अधिकार दिए जाएँगे, यह ऐलान चीन ने किया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसपर आपत्ति जताई है। इस एकतरफ़ा निर्णय का भारत के साथ किए द्विपक्षीय समझौतों पर बुरा असर होगा। चीन के साथ सीमा नियोजन एवं सीमा पर शांति और सौहार्दता बरकरार रखने की दोनों देशों की कोशिशों के साथ यह निर्णय मेल नही करता, ऐसा बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने किया है। यह कानून चीन की सेना को, सरहदी प्रांतों की नए से रचना करने का अधिकार देनेवाला है, इसका भी भारत ने संज्ञान लिया होने की बात बागची ने स्पष्ट की। चीन ने भारत के साथ जारी सीमा विवाद का हल अबतक नही निकाला है, इसपर ध्यान आकर्षित करके, चीन के कानून में किए गए प्रावधानों की वजह से दोनों देशों के बीच जारी तनाव अधिक बढ़ सकता है, ये संकेत भी अरिंदम बागची ने दिए।

इस कानून के अनुसार कार्रवाई करने के घातक परिणामों पर चीन गौर करेगा, यह उम्मीद भारत रखता है, ऐसा सूचक बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने किया। भारत के साथ जुड़ी सीमा का अगर विचार किया, तो चीन का कानून वैध ना होने की बात ज्ञात होगी, ऐसा बागची ने कहा। इसी बीच लद्दाख की ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के सेना अधिकारियों के बीच बातचीत का १३ वाँ दौर हाल ही में हुआ। यह चर्चा असफल हुई और इसके बाद चीन ने, भारत फिज़ूल माँग रख रहा है, ऐसी शिकायत की थी। वहीं, तनाव कम करने के लिए भारतीय सेना ने पेश किया हुआ प्रस्ताव चीन ने ठुकराया, यह आरोप भारत ने लगाया था।

बातचीत का यह १३ वाँ दौर असफल होने के बाद, चीन ने ‘एलएसी’ पर अपनी गतिविधियाँ तीव्र कीं थीं। लद्दाख की ‘एलएसी’ से भारतीय सेना का ध्यान अरुणाचल प्रदेश की ओर मोड़ने की कोशिश चीन कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश की ‘एलएसी’ पर चीन की सेना ने घुसपैंठ करने की कोशिश की थी। वहाँ पर बड़ी मात्रा में तैनाती करके चीन भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी जुटा रहा है। इसका भारतीय सेना ने संज्ञान लिया है और इसके विरोध में आवश्‍यक कदम उठाएँ जा रहे हैं, इसका यकीन भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने दिलाया है।

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