भारत को शरणार्थियों की राजधानी नही होने देंगे – सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार ने रखी भूमिका

नई दिल्ली: असम में शुरू नेशनल रजिस्ट्रार ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अवधि बढ़ाने की बिनती केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में की है| उस समय देश को शरणार्थियों की राजधानी नहीं बनने देंगे, ऐसी ठोस भूमिका केंद्र सरकार ने न्यायालय में प्रस्तुत की है|

एनआरसी की सूची में कई स्थानीय अधिकारियों के मिलीभगत से घुसपैठ शरणार्थियों के नाम आने की कई शिकायतें हैं| जिसकी वजह से इन सूचियों की छानबिन करने के लिए और इन शिकायतों का निपटारा करने के लिए अधिक समय चाहिए, ऐसा केंद्र सरकार ने न्यायालय को कहा है| इससे पहले भी सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए ३१ जुलाई यह अंतिम तारीख होने की बात कही थी|

रफाएल, याचिका, सर्वोच्च न्यायालय, ठुकराई, खरीदारी, नई दिल्ली, निर्मला सीतारामनहालही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बोलते हुए देशभर में एनआरसी कार्यान्वित करने का निर्णय दिया था| देश के इंच-इंच भूभाग पर भी घुसपैठियों की पहचान करते हुए, उन्हें देश से बाहर खदेडा जाएगा, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा था| तथा असम में एनआरसी अंतर्गत तैयार सूचियों में सुधार शुरू है और अंतिम सूची में गलती नहीं होगी, इस पर ध्यान दिया जाएगा, ऐसी गवाही भी केंद्रीय गृहमंत्री ने दी थी|

इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में असम एनआरसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अवधि बढ़ाने की मांग न्यायालय से की है| एनआरसी के सूची में गलतियां होने की अनेक शिकायतें सामने आई है| कई घुसपैठी शरणार्थियों के नाम सूची में आए हैं| कई लोगों के पात्र होकर भी अपने नाम बाहर होने की कई शिकायतें आई हैं| कई स्थानीय अधिकारियों के मिलीभगत से शरणार्थियों के नाम इस सूची में डालने की शिकायतों की जांच पड़ताल करना आवश्यक है, ऐसा केंद्र सरकार ने कहा है|

इसके लिए बांगलादेश की सीमा से जुड़े हुए असम के जिलों में २० प्रतिशत नागरिकों की जांच पड़ताल करने का निर्णय लिया गया है| इन नमूनों के सर्वेक्षण किये जायेंगे| ऐसी शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए, उनकी जांच करने के लिए यह निर्णय होने की बात केंद्र सरकार एवं असम सरकार की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में कही है|

जिसकी वजह से सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अवधि बढ़ाई जाए, ऐसी बिनती केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने की है| आगे चलकर अवधि बढ़ाने की अर्जी पर तत्काल सुनवाई के लिए न्यायालय ने इनकार किया था| पर शुक्रवार को केंद्र सरकार की तरफ से दलील सुनने पर अवधि बढ़ाने के संदर्भ में २३ जुलाई के रोज अगली सुनवाई कर सकते हैं, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है|

तीन महीनों पहले सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए ३१ जुलाई तक समय दिया था| असम सरकार एवं केंद्र सरकार को आगे चलकर एक दिन भी बढ़ाकर नहीं मिलेगा, ऐसा भी न्यायालय सूचित किया था| जिसकी वजह से अब सर्वोच्च न्यायालय इस बारे में कौन सा निर्णय देंगे इसकी तरफ निरीक्षकों का ध्यान लगा है|

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