पाकिस्तान में लख्वी को हुई सज़ा यानी धूँलफेक – भारतीय विदेश मंत्रालय की आलोचना

नई दिल्ली – मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकी हमले के साज़िशकर्ताओं में से एक ‘ज़किउर रेहमान लख्वी’ को पाकिस्तान की अदलात ने १५ वर्ष जेल की सज़ा सुनाई है। आतंकियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के मामले में लख्वी पर लगाय गया आरोप साबित होने से उसे यह सज़ा सुनाई गई है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय आतंकियों पर ऐसे आरोप लगाकर उन्हें सज़ा सुनाने का दिखावा पाकिस्तान में हमेशा से ही किया जाता है। यह मात्र धूल झोंकना है, ऐसा आरोप भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया है।

आतंकियों की आर्थिक घेराबंदी करने से बच रहे देशों पर ‘फायनान्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के ज़रिये कार्रवाई की जाती है। इसमें आर्थिक प्रतिबंधों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं का कर्ज़ देने से इन्कार करने जैसी कई कार्रवाईयों का समावेश होता है। पाकिस्तान ने अब तक आतंकियों की आर्थिक सहायता रोकने में दिखाई अनास्था के कारण इस देश को ‘एफएटीएफ’ ने ‘ग्रे लिस्ट’ किया था। साथ ही इस देश को ‘ब्लैक लिस्ट’ होने से बचना हैं तो आतंकियों को की जा रही आर्थिक सहायता रोकनी होगी और इसके लिए कार्रवाई करे, यह इशारा ‘एफएटीएफ’ ने दिया था। इसके लिए पाकिस्तान को फ़रवरी तक अवधि दिया गया था।

यह अवधि खत्म हो रहा है और फ़रवरी में होनेवाली बैठक में ‘एफएटीएफ’ पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने का निर्णय करेगा। इसके लिए भारत अपना प्रभाव इस्तेमाल कर रहा है और इस वजह से ‘एफएटीएफ’ यकीनन पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करेगा, यह चिंता इस देश के विश्‍लेषक और पत्रकार जता रहे हैं। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और जागतिक बैंक से कर्ज प्राप्त नहीं हो सकेगा। अर्थव्यवस्था डूबने की कगार पर होते हुए पाकिस्तान को इस कर्ज की बड़ी आवश्‍यकता हैं। इसी कारण पाकिस्तान को बेबसी से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ रही है।

लेकिन, यह कार्रवाई करते समय आतंकियों की रिहाई का रास्ता पाकिस्तान ने खुला रखा है, यही बात लख्वी को सुनाई गई सज़ा से स्पष्ट हो रही है। २६/११ के हमले के गुनाहगार लख्वी को पाकिस्तान की अदालत ने सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करने के आरोप में दोषी करार दिया है। इसके लिए उसे १५ वर्ष जेल की सज़ा दी गई है। बीते महीने में ही २६/११ का हमला करवाने वाले ‘हफिज सईद’ को पाकिस्तान की अदालत ने अन्य एक मामले में सज़ा सुनाई थी। इसी बीच एक दिन पहले ही पाकिस्तान के गुजरानवाला स्थित आतंकवाद विरोधी मामलों की अदालत ने गिरफ्तारी का वॉरंट भी जारी किया था।

लख्वी को हुई सज़ा का टाइमिंग पाकिस्तान की मंशा स्पष्ट करती है, ऐसे सटीक शब्दों में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाकिस्तान को तमाचा जड़ा है। इस तरह से आतंकी नेताओं को सज़ा देने का दिखावा करना पाकिस्तान का रोजमर्रा का काम है, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आँखों में धूल झोंकने की हास्यकारक कोशिश है, ऐसी कड़ी आलोचना भी श्रीवास्तव ने की है।

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