आतंकवाद विरोधी जागतिक जंग में भारत सबसे आगे – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

जिनिवा – ‘मानवता को सबसे बड़ा खतरा यह आतंकवाद का है। इस कारण आतंकवाद को कभी भी उचित नहीं कहा जा सकता। साथ ही, आतंकवाद का पोषण करने वालों की तुलना आतंकवाद का शिकार बननेवालों से नहीं की जा सकती’, ऐसा विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने डटकर कहा। संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद के ४६ वें सत्र को विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने व्हर्च्युअली संबोधित किया। इस समय विदेश मंत्री ने, खुद आतंकवाद का शिकार बना है ऐसा दिखाने की कोशिश करने वाले पाकिस्तान की अप्रत्यक्ष रूप में जोरदार आलोचना की। ‘फायनान्शियल ऍक्शन टाक्स फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक फिलहाल शुरू होकर, पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा या ब्लैक लिस्ट में जाएगा, इसका निर्णय इस बैठक में होनेवाला है। इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है।

भारत कई सालों से आतंकवाद का शिकार बन रहा है। इसी कारण आतंकवाद विरोधी जागतिक जंग में भारत सबसे आगे है। इसीलिए भारत यह निश्चित रूप से कह सकता है कि मानवता को आतंकवाद जितना खतरा और किसी से भी नहीं है। आतंकवाद यह मानवता के विरोध में गुनाह होकर, इससे मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन हो रहा है’, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया। लेकिन मानवताविरोधी इस सबसे बड़े दुश्मन के खिलाफ जंग तभी सफल होगी, जब मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले संगठनों समेत सब लोगों को यह एहसास होगा कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता, ऐसा जयशंकर ने अधोरेखित किया।

आतंकवाद का पोषण करनेवाले ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि वे खुद ही आतंकवाद के शिकार हैं। आतंकवाद का पोषण करने वालों की तुलना आतंकवाद के पीड़ित से की ही नहीं जा सकती, ऐसा विदेशमंत्री ने डटकर कहा। इसके द्वारा उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप में पाकिस्तान को लक्ष्य किया। पाकिस्तान लगातार यही दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह आतंकवाद का शिकार है। एक तरफ आतंकवाद का पोषण करनेवाले, उसे खाद-पानी डालनेवाले और दूसरी तरफ खुद को आतंकवाद का शिकार साबित करने की कोशिश करने वाले पाकिस्तान की इन कोशिशों को ही जयशंकर ने आड़े हाथ लिया। जागतिक समुदाय को आतंकवाद के संदर्भ में अधिक सख़्त भूमिका अपनानी होगी, ऐसा संदेश उन्होंने इसके जरिए दिया।

भारत ने पिछले महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए आठ-पॉइंट कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा था। भारत इस कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए सुरक्षा परिषद समेत अन्य देशों के साथ भी काम करने वाला है, ऐसा भी विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया।

इसी बीच ‘फायनान्शियल ऍक्शन टाक्स फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक जारी है। २५ फरवरी तक चलने वाली इस बैठक में, पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहेगा, उससे बाहर निकलेगा या ब्लैक लिस्ट में जाएगा, इसका फैसला होने वाला है। हाल ही में पाकिस्तान के लष्कर ने यह दावा किया कि उसने पिछले ४ सालों में, ३ लाख ७५ हज़ार आतंकवाद विरोधी मुहिमें चलाकर कई टेरर नेटवर्क ध्वस्त किए। पाकिस्तान के ये दावे एफएटीएफ की कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए किए जा रहे हैं, यह बात साफ है। ऐसे समय संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है। साथ ही, हर बार पाकिस्तान का बचाव करने वाले चीन, तुर्की जैसे देशों को भी इसके जरिए विदेश मंत्री जयशंकर ने लक्ष्य किया दिखाई दे रहा है।

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