‘भारत-जापान ऐक्ट ईस्ट फोरम’ की हुई बैठक – ईशान कोण भारत के प्रकल्पों की प्रगति का लिया गया जायज़ा

नई दिल्ली – ‘भारत-जापान ऐक्ट ईस्ट फोरम’ की पांचवीं संयुक्त बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक के दौरान ईशान कोण भारत में जारी दोनों देशों की संयुक्त परियोजनाओं के निर्माण कार्य की प्रगति का जायज़ा लिया गया। भारत-जापान ‘ऐक्ट ईस्ट फोरम’ (एईएफ) के तहत ईशान कोण भारत में हो रहे कई बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं में जापान ने निवेश किया है। भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ और जापान के मुक्त ‘इंडो-पैसिफिक विजन’ के तहत ‘एईएफ’ द्वारा ईशान कोण भारत में दोनों देशों के सहयोग का दायरा बढ़ाया जा रहा है। ईशान कोण भारत में जापान के निवेश पर चीन ने पहले ही आपत्ति जताई थी। भारत-चीन के सीमा विवाद में यह तीसरे देश की दखलअंदाज़ी की प्रतिक्रिया चीन ने तीन वर्ष पहले ही दर्ज़ की थी। इस पृष्ठभूमि पर चीन के साथ तनाव के चलते भारत-जापान ने ईशान कोण भारत में हो रही परियोजनाओं की प्रगति का जायज़ा लेना अहमियत रखता है।

India-Japan-act-east-forumईशान कोण भारत में हो रहे बुनियादी सुविधाओं के निर्माण कार्य की कई योजनाओं में जापान ने निवेश किया है। वर्ष २०१७ में जापान के उस समय के प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने अपनी भारत यात्रा के दौरान इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और तभी ‘एईएफ’ का गठन हुआ था। ईशान कोण भारत के विकास के नज़रिये से ‘एईएफ’ का व्यासपीठ तैयार करके जापान ने इसके तहत हज़ारों करोड़ रुपयों के निवेश का ऐलान किया था।

इसके अनुसार पूरे ईशान कोण भारत में ‘कनेक्टिविटी’ प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा पन बिजली परियोजना एवं अन्य बुनियादी विकास परियोजनाओं के निर्माण के लिए जापान भारत की सहायता कर रहा है। इसके अलावा ईशान कोण भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए भी जापान भारत को सहयोग प्रदान कर रहा है। ईशान कोण भारत के विकास में जापान से प्राप्त हो रहा सहयोग बड़ी अहमियत रखता है और यह सहयोग दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को आगे बढ़ानेवाला और एक-दूसरे पर विश्‍वास बढ़ानेवाला है, यह बयान जापान के राजदूत ने किया है।

जापान के अलावा इस्रायल ने भी हाल ही में ईशान कोण भारत में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। इस्रायल ने कुछ दिन पहले ही ईशान कोण भारत के लिए स्वतंत्र वाणिज्य राजदूत की नियुक्ती की थी। ईशान कोण भारत में हो रहा विकास, वहां पर तेज़ गति से हो रहा बुनियादी परियोजाओं का निर्माण कार्य, सड़क और रेल कनेक्टिविटी की वजह से चीन की बेचैनी बढ़ी है। इससे पहले चीन ने ईशान कोण भारत के विकास के लिए भारत-जापान के सहयोग पर आपत्ति जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर हुई ‘एईएफ’ की यह बैठक अहम साबित होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.