भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह परियोजना को गति देंगे

तेहरान – भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ईरान की यात्रा कर रहे है और उन्होंने ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी से भेंट की| इस दौरान भारत और ईरान केजॉईंट कमिशनपर बातचीत होने की खबर प्राप्त हुई है| इस बातचीत में दोनों देशों ने चाबहार बंदरगाह की विकास परियोजना को गति देने का निर्णय किया| अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों से इस बंदरगाह के विकास की परियोजना को सहुलियत प्रदान की है| इस निर्णय का लाभ उठाकर भारत और ईरान इस परियोजना को अधिक गति से पुरा करने की तैयारी में होने की बात स्पष्ट हो रही है|

विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने ईरान के साथ हुई बातचीत कामयाब साबित होने का दावा किया है| साथ ही दोनों देशों ने यह भी स्पष्ट किया की, चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए अधिक गति से कोशिश करने का निर्णय किया है| इस बंदरगाह का पुरा विकास होने पर भारत को अफगानिस्तान एवं उससे भी आगे एशियाई देशोंतक व्यापारी मार्ग खुला होगा| इसी वजह से चाबहार बंदराग भारत के लिएगोल्डन गेटवेहोने का दावा किया जा रहा है| विदेशमंत्री जयशंकर की ईरान यात्रा के दौरान इस बंदरगाह की परियोजना पर हुई बातचीत इसी कारण भारत के लिए काफी अहम होने की बात समझी जा रही है

साथ ही भारत और ईरान के द्विपक्षीय संबंधों के विषय पर भी जयशंकर की इस यात्रा में पुरी गहराई के साथ बातचीत होने की बात कही जा रही है| अमरिका ने ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाए है और इस निर्णय के बाद भारत ने ईरान से हो रही ईंधन की खरीद कम की थी| इसपर नाराजगी व्यक्त करके ईरान ने भारत जैसे देश से यह उम्मीद नही थी, ऐसी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी| पर, इन अडंगों के बावजूद ईरान के साथ बने भारत के संबंध सुस्थिति में होने की बात दिख रही है| इसमें भी चाबहार बंदरगाह की परियोजना अमरिकी प्रतिबंधों की बेडियों से बाहर निकलने से भारत और ईरान के संबंध और भी मजबूत होने की बात सामने रही है|

इसी बीच द्विपक्षीय बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा भी उपस्थित किया गया| आतंकवाद से काफी बडा खतरा बनता है, इस पर भारत और ईरान की सहमति बनी है| आतंकवाद के अभयारण्य खतम करने की जरूरत दोनों देशों ने स्वीकारी है और इसके लिए आवश्यक कडी भूमिका अपनाने के मुद्दे पर भी दोनों देशों में सहमति बनी है| अपने क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता स्थापित करने के लिए सहयोग करने का निश्चय इस बातचीत के दौरान भारत और ईरान ने व्यक्त किया|

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने अपनाई भूमिका का ईरान ने समर्थन किया है, यही बात इस द्विपक्षिय बातचीत से स्पष्ट हुई है| इस बातचीत में भारत ने कश्मीर मुद्दे पर किए निर्णय का बिल्कुल समावेश नही था, यह बात दोनों देशों के संबंधों के लिए अधिक सहायता करनेवाली साबित हो सकती है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.