मुक्त, खुले, सर्वसमावेशक और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए भारत बड़ा अहम – ब्रिटेन की विदेशमंत्री लिझ ट्रुस

मुंबई – ब्रिटेन की विमान वाहक युद्धपोत ‘एचएमएस क्वीन एलिज़ाबेथ’ अपने विध्वंसकों के बेड़े के साथ मुंबई के बंदरगाह में दाखिल हुई है। जल्द ही भारत और ब्रिटेन के रक्षाबलों का संयुक्त युद्धाभ्यास होगा और दोनों देशों का अब तक का यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा। साथ ही ब्रिटेन की विदेशमंत्री लिज़ ट्रूस, रक्षाबलप्रमुख जनरल सर निकोलस कार्टर एवं नौसेनाप्रमुख एडमिरल रडाकिन की भारत में देखी जा रही मौजूदगी दोनों देशों के मज़बूत हो रहे सामरिक सहयोग का दाखिला दे रही है। ‘मुक्त, खुले, सर्वसमावेशक एवं समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए भारत काफी अहम है, ऐसा बयान ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने किया है।

सर्वसमावेशकब्रिटेन की नौसेना की ‘क्वीन एलिज़ाबेथ’ सबसे प्रगत विमान वाहक युद्धपोत मानी जाती है। इस युद्धपोत ने अपने काफिले के साथ साऊथ चायना सी के क्षेत्र में गश्‍त लगाई थी। साथ ही अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘क्वीन एलिज़ाबेथ’ ने युद्धाभ्यास भी किया था। यह सबकुछ चीन को कड़ी चेतावनी देने के लिए ही था, यह बात अब छुपी नहीं है। साऊथ चायना सी क्षेत्र के साथ ही इंडो-पैसिफिक में चीन की वर्चस्ववादी हरकतों की वजह से विश्‍व के प्रमुख देशों की चिंता बढ़ी है। इनमें ब्रिटेन का भी समावेश है और ब्रिटेन भी अपने हितों को चीन से होनेवाले खतरों को बड़ी सावधानी से देख रहा है।

ऐसी स्थिति में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत का स्थान और सामर्थ्य ध्यान में रखकर ब्रिटेन ने भारत के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग मज़बूत करने का रणनीतिक निर्णय किया है। ‘समुद्री क्षेत्र एवं इसके व्यापारी मार्गों की सुरक्षा काफी आवश्‍यक है। इसके लिए सख्त निर्णयक्षमता की और सामर्थ्य के प्रदर्शन की आवश्‍यकता है। मुंबई के बंदरगाह में दाखिल हुए ब्रिटेन की नौसेना का बेड़ा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ब्रिटेन की नीति में हुए सक्रिय बदलाव की गवाही देती है। ब्रिटेन अब भारत जैसे अपने समविचारी देशों के साथ मज़बूत सहयोग स्थापित करके अपनी अंतरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारी निभा रहा है, इन शब्दों में ब्रिटेन की विदेशमंत्री लिज़ ट्रुस ने भारत के सहयोग की अहमियत स्पष्ट की।

‘मुक्त खुले, सर्वसमावेशक और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए भारत बड़ा अहम साबित होता है। इसी वजह से तेज़ी से आर्थिक प्रगति कर रहे भारत के साथ ब्रिटेन विश्‍वभर में स्वतंत्रता का पुरस्कार करनेवाले देशों का नेटवर्क स्थापित कर रहा है’, यह दावा ब्रिटेन की विदेशमंत्री ने किया। इसी बीच अपनी इस यात्रा के दौरान विदेशमंत्री लिज़ ट्रूस ताजमहाल होटल जाकर मुंबई पर हुए आतंकी हमलों का शिकार हुए लोगों के प्रति आदरांजली अर्पित करेगी। ब्रिटेन अब भारत के साथ तकनीक और व्यापारी सहयोग के लिए काफी उत्सुक है और इसके लिए ब्रिटेन की विदेशमंत्री ने भारतीय नेताओं से चर्चा करेंगी, यह जानकारी अपना यह दौरा शुरू होने से पहले ही प्रदान की थी।

इसी बीच, भारत के ब्रिटेन के साथ जारी यह सहयोग क्वाड यानी भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गुट को अधिक ताकत प्रदान करेगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। चीन की विस्तारवादी हरकतों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों का संगठन स्थापित करने की कोशिश ब्रिटेन ने पहले ही की थी। ‘डी-१०’ नाम से इस गुट को तैयार करके ब्रिटेन आगे चीन जैसे तानाशाही वाले देश के सामने नई चुनौती खड़ी करेगा, ऐसे दावे किए गए थे। हाँगकाँग पर चीन पूरा वर्चस्व प्राप्त करने की तैयारी जुटा रहा है और ब्रिटेन ने इसके खिलाफ चीन को इशारा भी दिया था। लेकिन, चीन ने इसे अनदेखा करके हाँगकाँग पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए आक्रामक कदम उठाए थे। इसके बाद ब्रिटेन ने चीन के खिलाफ आक्रामक निर्णय लेके का सत्र शुरू किया था।

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