भारत को अमरिका से ‘एसटीए-१ स्टेट्स’ – अति प्रगत एवं संवेदनशील तंत्रज्ञान मिलने का मार्ग खुला है

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन: नाटो के सदस्य और नजदीकी सहयोगीयों को आज तक अमरिका ने ‘स्ट्रेटेजिक एंड ऑथराइजेशन स्टेटस-एक’ का (एसटीए-१) का दर्जा दिया था। उसमें अब भारत का समावेश होने वाला है। अमरिका से एसटीए-१ दर्जा मिलनेवाला भारतीय दक्षिण एशिया का पहला तथा आशिया का तीसरा देश ठहरा है। इसकी वजह से अमरिका भारत को अति प्रगत एवं संवेदनशील तंत्रज्ञान प्रदान कर सकता है। भारत ने अमरिका के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसकी वजह से द्विपक्षीय सहयोग अधिक व्यापक होंगे, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है।

सन २०१६ में अमरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा का साझेदार देश का दर्जा दिया था। उसके बाद अमरिका ने एसटीए-१ का दर्जा देकर भारत के साथ यह सहयोग अधिक दृढ़ किया है। अमरिका में इंडो पैसिफिक बिजनेस फोरम शुरू हुआ है और ट्रम्प प्रशासन ने यह निर्णय घोषित किया है। यह बात संयोग ना होकर अमरिका की व्यापक धारणा है।

भारत, एसटीए-१ स्टेट्स, प्रगत, संवेदनशील तंत्रज्ञान, मिलने, मार्ग खुला, अमरिका, दक्षिण एशियादक्षिण एशिया में अमरिका से एसटीए-१ यह दर्जा प्राप्त होने वाला भारत यह पहला देश है, तथा आशिया में केवल जापान और दक्षिण कोरिया यह देश कि अमरिका के एसटीए-१ के सूची में है। नाटो के सदस्य देश एसटीए-१ के सूची में शामिल होकर अमरिका ने अब तक ३६ देशों को इस सूची में स्थान दिया है। एसटीए-१ की वजह से भारत अमरिका से अति प्रगत संवेदनशील तंत्रज्ञान की खरीदारी कर सकता है। उसका लाभ दोनों देशों को मिलेगा, ऐसा विश्वास अमरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने व्यक्त किया है।

भारत अमरिका के एसटीए-१ का दर्जा प्राप्त होने वाले देशों की सूची में न होने से भारत को अति प्रगत तंत्रज्ञान साहित्य का निर्यात करने में बाधाएं हो रही थी। इसकी वजह से पिछले ७ वर्षों में लगभग ९.७ अरब डॉलर के निर्यात पर परिणाम होने की जानकारी रॉस ने दी है। इसलिए एसटीए-१ दर्जा की वजह से भारत को प्रगत तंत्रज्ञान निर्यात करना शुरु होने वाला है और अमरिका से भारत में होनेवाले निर्यात में बढ़ोतरी होगी, इसकी तरफ रॉसने ध्यान केंद्रित किया है।

‘मल्टीट्रायल एक्सपोर्ट कंट्रोल रिजीम’ विभिन्न देशों में शस्त्रास्त्र एवं संवेदनशील तंत्रज्ञान एवं साहित्य के निर्यात पर नियंत्रण रखने वाले अंतर्राष्ट्रीय संघटना से संबंधित चार में से तीन संस्था की सदस्यता भारत को मिली है। इसमें ‘मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम’ (एमटीसीआर), वासेनार अरेंजमेंट एंड ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का समावेश है। इसकी वजह से भारत को अमरिका से एसटीए-१ का दर्जा प्राप्त करना संभव हुआ है।

दौरान अमरिका ने दिए एसटीए-१ दर्जा का भारत ने स्वागत किया है। इस निर्णय की वजह से अमरिका का भारत पर विश्वास एवं भारत के क्षमता के बारे में यकीन स्पष्ट होने का दावा अमरिका के भारत के राजदूत नवतेज सरना ने किया है। तथा भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भारत जिम्मेदार देश है, इस पर अमरिका का पूर्ण विश्वास होने की बात इस निर्णय से उजागर हो रही है ऐसा कहा है।

अमरिका भारत को अतिप्रगत तंत्रज्ञान तथा रक्षा विषयक साहित्य प्रदान करने की तैयारी में गतिमान कदम उठा रहा है और इसकी वजह से चीन अस्वस्थ हो रहा है। इसके पीछे अमरिका का केवल व्यापारी स्वार्थ ना होकर सामरिक धारणा भी होने की बात स्पष्ट हो रही है। अपने आर्थिक एवं लष्करी सामर्थ्य के बल पर चीन इंडो पैसिफिक क्षेत्र के देशों पर वर्चस्व दिखाने की तैयारी में है। इसके लिए चीन ने मूलभूत सुविधाओं के विकास प्रकल्प हाथ लिए है और इस द्वारा यह क्षेत्र नियंत्रित करने का चीन की महत्वाकांक्षी योजना है। इस अग्रणी स्तर पर चीन को सफलता मिली तो उसका झटका भारत, अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों को लग सकता है। फिलहाल साउथ चाइना सी में एवं ईस्ट चाइना सी क्षेत्र में चीन के गतिविधियों से यही दिखाई दे रहा है।

इसलिए अमरिका ने चीन को रोकने के लिए लष्करी एवं आर्थिक गतिविधियों पर संगठन शुरु किया है। चीन को रोकने के लिए अमरीका भारत को सभी तौर पर सहायता करने की बात उजागर हुई है और ट्रम्प प्रशासन इस बारे में निर्णायक भूमिका स्वीकारते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.