आतंकवाद के विरोध में भारत-फ्रान्स ने दिखाई एकता

नई दिल्ली: भारत और फ्रान्स ने आतंकवाद के विरोध में बना अपना सहयोग और भी मजबूत और व्यापक करने का निर्णय किया है| नई दिल्ली में भारत और फ्रान्स के आतंकवादविरोधी सहयोग के लिए गठित की गई ‘जॉईंट वर्किंग ग्रूप’ की १४ वीं बैठक हुई| इश दौरान दोनों देशों ने सभी प्रकार के आतंकवाद के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई| साथ ही आतंकवाद के विरोध में कार्रवाई करने के लिए व्यापक सहयोग करने के लिए एकता का भी ऐलान किया|

इश बैठक में भारत का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सहसचिव महाविर सिंघवी ने किया| वही, फ्रान्स के विदेश मंत्रालय के धारणात्मक एवं सुरक्षा संबंधित विभाग के सहायक सचिव डेव्हिड बेर्तोलोत्ती ने फ्रेंच शिष्टमंडल का नेतृत्व किया| इस बातचीत में दोनों देशों ने आतंकवाद के विरोध में काफी आक्रामक भूमिका अपनाई| पुरे यूरोप समेत फ्रान्स को आतंकी हमलों का खतरा होने की खबरें लगातार सामने आ रही है| इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स ने भारत के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग और भी मजबूत करने का निर्णय किया दिख रहा है|

आतंकियों को सुरक्षित स्वर्ग प्राप्त ना हो और आतंकियों को हो रही आर्थिक सहायता रोकना आवश्यक है, इस पर दोनों देशों के शिष्टमंडल की सहमति बनी| साथ ही आतंकियों द्वारा हो रहा इंटरनेट का इस्तेमाल और चरपंथियों का बढता रोकने के लिए जरूरी प्रावधानों के मुद्दे पर भी इस बैठक में बातचीत हुई| भारत और फ्रान्स आगे भी आतंकियों से संबंधित गोपनीय जानकारी का लगातार आदान प्रदान करेंगे, साथ ही आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए दोनों देश एक दुसरे की क्षमता बढाने के लिए सहायता करेंगे| आतंकियों के विरोध में कानून का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर एवं आतंकी और चरमपंथियों का प्रचार रोकने के लिए एकदुसरें के तजुर्बे का इस्तेमाल करने पर भी इस बैठक में सहमति बनी है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ जैसी अंतरराष्ट्रीय संगठनों का आतंकवाद के विरोध में अधिक कुशलता से इस्तेमाल करने पर भी भारत और फ्रान्स की सहमति बनी है| अपने देश की सीमा लांघकर दुसरे देश में आतंकवाद की निर्यात कर रहे दक्षिण एशिया में देखी जा रही दुष्प्रवृत्ति पर इस बैठक में कडी फटकार लगाई गई| साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने घोषित किए आतंकियों से बने खतरों का मुद्दा भी इस बैठक के दौरान बातचीत में रहा| सीधे नाम लिए बिना ऐसी सभी हरकतें कर रहे पाकिस्तान को इस बैठक में लक्ष्य किया गया है, यही स्पष्ट हो रहा है|

पश्‍चिमी देशों पर आतंकी हमलें होना शुरू होने के बाद भारत की आतंकवादविरोधी भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त होने लगा है| इससे पहले पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकवाद का इस्तेमाल करके शुरू किए छुपे युद्ध के विरोध में लगभग सभी देशों ने सौम्य भूमिका अपनाई थी| पर, अब स्थिति में बदलाव हुआ है और आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए बना खतरा अब लगभग सभी प्रमुख देशों के ध्यान में है| पाकिस्तान को लगातार सहाय्य प्रदान कर रहे चीन का अपवाद करें तो अन्य देशों ने आतंकियों के विरोध में कडी कार्रवाई करने का समर्थन किया है और इससे पाकिस्तान पर बना दबाव भी बढ रहा है|

कुछ दिन पहले ही फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने अपने देश को चरमपंथियों से काफी बडा खतरा होने के संकेत देकर इसके विरोध में फ्रान्स का लडा शुरू होने का ऐलान किया था| तभी यूरोपिय देशों को आतंकी हमलों का खतरा बन रहा है, यह इशारा देकर यूरोपिय देशों की सुरक्षा यंत्रणा ने जारी किया है| इस पृष्ठभूमि पर आतंकवाद के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग स्थापित करने की भारत की मांग उठाई जा रही है| खास बात यह है की, पिछले तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद का सामना कर रहे भारत को इस मोर्चे पर तजुर्बा और कुशलता प्राप्त है और इस का लाभ उठाने के लिए फ्रान्स जैसे देश कोशिश कर रहे है| यही बात दोनों देशों में हुआ आतंकवाद विरोधी सहयोग समझौते के मुद्दे पर नई दिल्ली में हुई यह बातचीत नए से रेखांकित कर रही है|

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